Sach Bolta Hoon Main Songtext
von Pankaj Udhas
Sach Bolta Hoon Main Songtext
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
ये चीज़ ला-जवाब है...
ये चीज़ ला-जवाब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
गिन कर पियूँ मैं जाम तो होता नहीं नशा
गिन कर पियूँ मैं जाम तो होता नहीं नशा
मेरा अलग हिसाब है...
मेरा अलग हिसाब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
साक़ी, यक़ीं ना आए तो गर्दन झुका के देख
साक़ी, यक़ीं ना आए तो गर्दन झुका के देख
शीशे में माहताब है...
शीशे में माहताब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
हाथों में एक जाम है, होंठों पे इक ग़ज़ल
हाथों में एक जाम है, होंठों पे इक ग़ज़ल
बाक़ी ख़याल-ओ-ख़्वाब हैं...
बाक़ी ख़याल-ओ-ख़्वाब हैं, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
ये चीज़ ला-जवाब है...
ये चीज़ ला-जवाब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
गिन कर पियूँ मैं जाम तो होता नहीं नशा
गिन कर पियूँ मैं जाम तो होता नहीं नशा
मेरा अलग हिसाब है...
मेरा अलग हिसाब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
साक़ी, यक़ीं ना आए तो गर्दन झुका के देख
साक़ी, यक़ीं ना आए तो गर्दन झुका के देख
शीशे में माहताब है...
शीशे में माहताब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
हाथों में एक जाम है, होंठों पे इक ग़ज़ल
हाथों में एक जाम है, होंठों पे इक ग़ज़ल
बाक़ी ख़याल-ओ-ख़्वाब हैं...
बाक़ी ख़याल-ओ-ख़्वाब हैं, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
फिर हाथ में शराब है, सच बोलता हूँ मैं
Writer(s): Naqsh Layalpuri, Ali Ghani Lyrics powered by www.musixmatch.com