Sabko Maloom Hai Main Sharabi Nahin Songtext
von Pankaj Udhas
Sabko Maloom Hai Main Sharabi Nahin Songtext
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें
और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
मुझ को मैकश समझते हैं सब बादा-कश
क्योंकि उनकी तरह लड़खड़ाता हूँ मैं
मेरी रग-रग में नशा मुहब्बत का है
मेरी रग-रग में नशा मुहब्बत का है
मेरी रग-रग में नशा मुहब्बत का है
जो समझ में ना आए तो मैं क्या करूँ?
जो समझ में ना आए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
हाल सुन कर मेरा सहमे-सहमे हैं वो
कोई आया है ज़ुल्फ़ें बिखेरे हुए
मौत और ज़िंदगी, दोनों हैरान हैं
मौत और ज़िंदगी, दोनों हैरान हैं
मौत और ज़िंदगी, दोनों हैरान हैं
दम निकलने ना पाए तो मैं क्या करूँ?
दम निकलने ना पाए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
कैसी लत? कैसी चाहत? कहाँ की ख़ता?
बेख़ुदी में है, Anwar, ख़ुदी का नशा
ज़िंदगी एक नशे के सिवा कुछ नहीं
ज़िंदगी एक नशे के सिवा कुछ नहीं
ज़िंदगी एक नशे के सिवा कुछ नहीं
तुमको पीना ना आए तो मैं क्या करूँ?
तुमको पीना ना आए तो मैं क्या करूँ?
सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें
सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें
और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें
और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
मुझ को मैकश समझते हैं सब बादा-कश
क्योंकि उनकी तरह लड़खड़ाता हूँ मैं
मेरी रग-रग में नशा मुहब्बत का है
मेरी रग-रग में नशा मुहब्बत का है
मेरी रग-रग में नशा मुहब्बत का है
जो समझ में ना आए तो मैं क्या करूँ?
जो समझ में ना आए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
हाल सुन कर मेरा सहमे-सहमे हैं वो
कोई आया है ज़ुल्फ़ें बिखेरे हुए
मौत और ज़िंदगी, दोनों हैरान हैं
मौत और ज़िंदगी, दोनों हैरान हैं
मौत और ज़िंदगी, दोनों हैरान हैं
दम निकलने ना पाए तो मैं क्या करूँ?
दम निकलने ना पाए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
कैसी लत? कैसी चाहत? कहाँ की ख़ता?
बेख़ुदी में है, Anwar, ख़ुदी का नशा
ज़िंदगी एक नशे के सिवा कुछ नहीं
ज़िंदगी एक नशे के सिवा कुछ नहीं
ज़िंदगी एक नशे के सिवा कुछ नहीं
तुमको पीना ना आए तो मैं क्या करूँ?
तुमको पीना ना आए तो मैं क्या करूँ?
सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें
सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें
और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ?
सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ?
Writer(s): Pankaj Udhas Lyrics powered by www.musixmatch.com