Aur Ahista Kijiye Baatien Songtext
von Pankaj Udhas
Aur Ahista Kijiye Baatien Songtext
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
लफ़्ज़ गिरने न पाए होठों से
वक्त के हाथ इनको चुन लेंगे
कान रखते हैं ये दर-ओ-दीवार
राज़ की सारी बात सुन लेंगे
और आहिस्ता कीजिए बातें
ऐसे बोलो कि दिल का अफ़साना
दिल सुने और निगाह दोहराए
ऐसे बोलो कि दिल का अफ़साना
दिल सुने और निगाह दोहराए
अपने चारों तरफ़ की ये दुनिया
साँस का शोर भी न सुन पाए, न सुन पाए
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
और आहिस्ता कीजिए बातें
आईए बंद कर लें दरवाज़े
रात सपने चुरा न ले जाए
आईए बंद कर लें दरवाज़े
रात सपने चुरा न ले जाए
कोई झोका हवा का आवारा
तितली की बातों को उड़ा न ले जाए, न ले जाए
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
और आहिस्ता कीजिए बातें
आज इतने करीब आ जाओ
दूरियों का कहीं निशां न रहे
आज इतने करीब आ जाओ
दूरियों का कहीं निशां न रहे
ऐसे एक-दूसरे में गुम हो जाए
फ़ासला, कोई दरमियाँ, न रह जाए, न रह जाए
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
लफ़्ज़ गिरने न पाए होठों से
वक्त के हाथ इनको चुन लेंगे
कान रखते हैं ये दर-ओ-दीवार
राज़ की सारी बात सुन लेंगे
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
लफ़्ज़ गिरने न पाए होठों से
वक्त के हाथ इनको चुन लेंगे
कान रखते हैं ये दर-ओ-दीवार
राज़ की सारी बात सुन लेंगे
और आहिस्ता कीजिए बातें
ऐसे बोलो कि दिल का अफ़साना
दिल सुने और निगाह दोहराए
ऐसे बोलो कि दिल का अफ़साना
दिल सुने और निगाह दोहराए
अपने चारों तरफ़ की ये दुनिया
साँस का शोर भी न सुन पाए, न सुन पाए
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
और आहिस्ता कीजिए बातें
आईए बंद कर लें दरवाज़े
रात सपने चुरा न ले जाए
आईए बंद कर लें दरवाज़े
रात सपने चुरा न ले जाए
कोई झोका हवा का आवारा
तितली की बातों को उड़ा न ले जाए, न ले जाए
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
और आहिस्ता कीजिए बातें
आज इतने करीब आ जाओ
दूरियों का कहीं निशां न रहे
आज इतने करीब आ जाओ
दूरियों का कहीं निशां न रहे
ऐसे एक-दूसरे में गुम हो जाए
फ़ासला, कोई दरमियाँ, न रह जाए, न रह जाए
और आहिस्ता कीजिए बातें
धड़कनें कोई सुन रहा होगा
लफ़्ज़ गिरने न पाए होठों से
वक्त के हाथ इनको चुन लेंगे
कान रखते हैं ये दर-ओ-दीवार
राज़ की सारी बात सुन लेंगे
और आहिस्ता कीजिए बातें
Writer(s): Pankaj Udhas, Zafar Gorakhpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com