Shikwe Bhi Hazaron Hai Songtext
von Pankaj Udhas
Shikwe Bhi Hazaron Hai Songtext
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
इस दिल को मगर उससे मोहब्बत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
आ जाता है मिलने वो तसव्वुर में सर-ए-शाम
आ जाता है मिलने वो तसव्वुर में सर-ए-शाम
एक शख़्स की इतनी सी इनायत भी बहुत है
एक शख़्स की इतनी सी इनायत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
ये भी है तमन्ना कि उसे दिल से भुला दें
ये भी है तमन्ना कि उसे दिल से भुला दें
इस दिल को मगर उसकी ज़रूरत भी बहुत है
इस दिल को मगर उसकी ज़रूरत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
देखे तो ज़रा पी के, ज़फ़र, ज़हर-ए-मोहब्बत
देखे तो ज़रा पी के, ज़फ़र, ज़हर-ए-मोहब्बत
सुनते हैं कि इस ज़हर में लज़्ज़त भी बहुत है
सुनते हैं कि इस ज़हर में लज़्ज़त भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
इस दिल को मगर उससे मोहब्बत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
इस दिल को मगर उससे मोहब्बत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
आ जाता है मिलने वो तसव्वुर में सर-ए-शाम
आ जाता है मिलने वो तसव्वुर में सर-ए-शाम
एक शख़्स की इतनी सी इनायत भी बहुत है
एक शख़्स की इतनी सी इनायत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
ये भी है तमन्ना कि उसे दिल से भुला दें
ये भी है तमन्ना कि उसे दिल से भुला दें
इस दिल को मगर उसकी ज़रूरत भी बहुत है
इस दिल को मगर उसकी ज़रूरत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
देखे तो ज़रा पी के, ज़फ़र, ज़हर-ए-मोहब्बत
देखे तो ज़रा पी के, ज़फ़र, ज़हर-ए-मोहब्बत
सुनते हैं कि इस ज़हर में लज़्ज़त भी बहुत है
सुनते हैं कि इस ज़हर में लज़्ज़त भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
इस दिल को मगर उससे मोहब्बत भी बहुत है
शिकवे भी हज़ारों हैं, शिकायत भी बहुत है
Writer(s): Pankaj Udhas, Gorakhpuri Zafar Lyrics powered by www.musixmatch.com