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Saat Hi Sur Hain Sargam Mein Songtext
von Pankaj Udhas

Saat Hi Sur Hain Sargam Mein Songtext

सात ही सुर हैं सरगम में, आठवाँ सुर मेरे साजन का
सात ही सुर हैं सरगम में, आठवाँ सुर मेरे साजन का
सबसे अच्छा, सबसे अनोखा, सबसे अच्छा, सबसे अनोखा
नग़्मा दिल की धड़कन का, नग़्मा दिल की धड़कन का

पहला सुर है ख़ुशी की छाँव (सा)
दूसरा ग़म की धूप का (रे)
तीसरा सुर पाकीज़ा वो जज़्बा (गा)
चौथा हुस्न के रूप का (मा)

पाँचवाँ सुर दिल (धा), छठा है धड़कन (पा), सातवाँ प्यार के सावन का
सात ही सुर हैं सरगम में, आठवाँ सुर मेरे साजन का


आठवाँ सुर भक्ति और पूजा
ख़ुद को खो देने का नाम
प्यार से बढ़ के इश्क़ की मंज़िल
इश्क़ ही इश्क़ है चारों धाम

मरने-जीने से है बढ़ कर नशा प्यार के जीवन का
सात ही सुर हैं सरगम में, आठवाँ सुर मेरे साजन का

दिल के तार का सुर ना हो तो
जीवन बीना सूनी है
आँखों में मनमीत ना हो तो
सारी दुनिया सूनी है

जिसमें साजन का मुखड़ा ना हो, क्या करूँ ऐसे दर्पण का?
सात ही सुर हैं सरगम में, आठवाँ सुर मेरे साजन का
सबसे अच्छा, सबसे अनोखा, सबसे अच्छा, सबसे अनोखा
नग़्मा दिल की धड़कन का, नग़्मा दिल की धड़कन का

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