Ranj Ki Jab Guftgu Songtext
von Pankaj Udhas
Ranj Ki Jab Guftgu Songtext
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
मेरी रुस्वाई की नौबत आ गई
मेरी रुस्वाई की नौबत आ गई
उनकी शोहरत की क़ू-ब-कू़ होने लगी
उनकी शोहरत की क़ू-ब-कू़ होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
नाउम्मीदी बढ़ गई है इस क़दर
नाउम्मीदी बढ़ गई है इस क़दर
आरज़ू की आरज़ू होने लगी
आरज़ू की आरज़ू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
दाग़ इतराए हुए फिरते हैं आप
दाग़ इतराए हुए फिरते हैं आप
शायद उनकी आबरू होने लगी
शायद उनकी आबरू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
मेरी रुस्वाई की नौबत आ गई
मेरी रुस्वाई की नौबत आ गई
उनकी शोहरत की क़ू-ब-कू़ होने लगी
उनकी शोहरत की क़ू-ब-कू़ होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
नाउम्मीदी बढ़ गई है इस क़दर
नाउम्मीदी बढ़ गई है इस क़दर
आरज़ू की आरज़ू होने लगी
आरज़ू की आरज़ू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
दाग़ इतराए हुए फिरते हैं आप
दाग़ इतराए हुए फिरते हैं आप
शायद उनकी आबरू होने लगी
शायद उनकी आबरू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
आप से तुम, तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
Writer(s): Ghulam Ali, Daag Lyrics powered by www.musixmatch.com