Mujh Jaisa Kaun Sharabi Songtext
von Pankaj Udhas
Mujh Jaisa Kaun Sharabi Songtext
दूर हर अएब-ओ-नक्श करती है
रूह में ढल के रक्श करती है
मय से आता हैं खूबियों पर निखार
मय तो तहज़ीब-ए-शख्स करती हैं
अक्ल मत खो बावक़्त मयनोशी
पी मगर इस क़दर के मस्त ना हो
आदमी का दुखा ना दिल पीकर
होश के मरतबे से पस्त ना हो
मुझ जैसा कौन शराबी
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
मेरा नशा ग़लत नहीं है, मेरा नशा जुदा है सबसे
मेरा नशा जुदा है सबसे
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
एक रोज़ खुला दरवाज़ा, और दौलत घर में आयी
एक रोज़ खुला दरवाज़ा, और दौलत घर में आयी
मेरा होश लगा थर्राने यूँ उसने आँख मिलाई
मेरे दिल ने कहा सुन पगले, मेरे दिल ने कहा सुन पगले
"ये अहद-ए-वफ़ा दो दिन का, ये अहद-ए-वफ़ा दो दिन का"
दौलत की हकीक़त क्या हैं
दौलत की हकीक़त क्या हैं, दौलत का नशा दो दिन का
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
दौलत को किया जब बाहर, फिर शोहरत घर में आयी
दौलत को किया जब बाहर, फिर शोहरत घर में आयी
मैं झूम उठा मस्ती में ली उसने यूँ अंगड़ाई
मेरे दिल ने कहा सुन प्यारे, मेरे दिल ने कहा सुन प्यारे
"ये सारा मज़ा दो दिन का, ये सारा मज़ा दो दिन का"
शोहरत की हकीक़त क्या है
शोहरत की हकीक़त क्या है, शोहरत का नशा दो दिन का
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
एक रोज़ मिली रस्ते में ताक़त की राजकुमारी
एक रोज़ मिली रस्ते में ताक़त की राजकुमारी
बोली के "चरण छू मेरे, और जीत ले दुनिया सारी"
मेरे दिल ने कहा सुन बाबा, मेरे दिल ने कहा सुन बाबा
"ये सारा सिला दो दिन का, ये सारा सिला दो दिन का"
ताक़त की हकीक़त क्या है
ताक़त की हकीक़त क्या है, ताक़त का नशा दो दिन का
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
जोगी का भेष बदल कर दिल इक दिन घर में आया
जोगी का भेष बदल कर दिल इक दिन घर में आया
समझा ना सकी जो दुनिया, वो उसने मुझे समझाया
दौलत एक रेत का घर है, शोहरत का महल भी कच्चा
शोहरत का महल भी कच्चा
इंसाँ का प्यार हो जिसमें
इंसाँ का प्यार हो जिसमें, बस वो ही नशा सच्चा
इंसाँ का प्यार हो जिसमें, बस वो ही नशा सच्चा
मेरा नशा ग़लत नहीं है, मेरा नशा जुदा है सबसे
मेरा नशा जुदा है सबसे
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
ओ, मेरा नशा जुदा है सबसे
हो, मेरी अदा जुदा है सबसे
हो, मेरा नशा जुदा है सबसे
हो, मेरी अदा जुदा है सबसे
रूह में ढल के रक्श करती है
मय से आता हैं खूबियों पर निखार
मय तो तहज़ीब-ए-शख्स करती हैं
अक्ल मत खो बावक़्त मयनोशी
पी मगर इस क़दर के मस्त ना हो
आदमी का दुखा ना दिल पीकर
होश के मरतबे से पस्त ना हो
मुझ जैसा कौन शराबी
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
मेरा नशा ग़लत नहीं है, मेरा नशा जुदा है सबसे
मेरा नशा जुदा है सबसे
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
एक रोज़ खुला दरवाज़ा, और दौलत घर में आयी
एक रोज़ खुला दरवाज़ा, और दौलत घर में आयी
मेरा होश लगा थर्राने यूँ उसने आँख मिलाई
मेरे दिल ने कहा सुन पगले, मेरे दिल ने कहा सुन पगले
"ये अहद-ए-वफ़ा दो दिन का, ये अहद-ए-वफ़ा दो दिन का"
दौलत की हकीक़त क्या हैं
दौलत की हकीक़त क्या हैं, दौलत का नशा दो दिन का
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
दौलत को किया जब बाहर, फिर शोहरत घर में आयी
दौलत को किया जब बाहर, फिर शोहरत घर में आयी
मैं झूम उठा मस्ती में ली उसने यूँ अंगड़ाई
मेरे दिल ने कहा सुन प्यारे, मेरे दिल ने कहा सुन प्यारे
"ये सारा मज़ा दो दिन का, ये सारा मज़ा दो दिन का"
शोहरत की हकीक़त क्या है
शोहरत की हकीक़त क्या है, शोहरत का नशा दो दिन का
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
एक रोज़ मिली रस्ते में ताक़त की राजकुमारी
एक रोज़ मिली रस्ते में ताक़त की राजकुमारी
बोली के "चरण छू मेरे, और जीत ले दुनिया सारी"
मेरे दिल ने कहा सुन बाबा, मेरे दिल ने कहा सुन बाबा
"ये सारा सिला दो दिन का, ये सारा सिला दो दिन का"
ताक़त की हकीक़त क्या है
ताक़त की हकीक़त क्या है, ताक़त का नशा दो दिन का
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
जोगी का भेष बदल कर दिल इक दिन घर में आया
जोगी का भेष बदल कर दिल इक दिन घर में आया
समझा ना सकी जो दुनिया, वो उसने मुझे समझाया
दौलत एक रेत का घर है, शोहरत का महल भी कच्चा
शोहरत का महल भी कच्चा
इंसाँ का प्यार हो जिसमें
इंसाँ का प्यार हो जिसमें, बस वो ही नशा सच्चा
इंसाँ का प्यार हो जिसमें, बस वो ही नशा सच्चा
मेरा नशा ग़लत नहीं है, मेरा नशा जुदा है सबसे
मेरा नशा जुदा है सबसे
मुझ जैसा कौन शराबी, मेरी अदा जुदा है सबसे
ओ, मेरा नशा जुदा है सबसे
हो, मेरी अदा जुदा है सबसे
हो, मेरा नशा जुदा है सबसे
हो, मेरी अदा जुदा है सबसे
Writer(s): Zafar Gorakhpuri, Pankaj Udhas Lyrics powered by www.musixmatch.com