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Kabhi Saya Hai Kabhi Dhoop Songtext
von Pankaj Udhas

Kabhi Saya Hai Kabhi Dhoop Songtext

कभी साया है, कभी धूप मुक़द्दर मेरा
कभी साया है, कभी धूप मुक़द्दर मेरा
होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा
कभी साया है, कभी धूप मुक़द्दर मेरा
कभी साया है...

टूट जाते हैं कभी मेरे किनारे मुझ में
टूट जाते हैं कभी मेरे किनारे मुझ में

डूब जाता है कभी मुझ में समुंदर मेरा
डूब जाता है कभी मुझ में समुंदर मेरा
कभी साया है...


कितने हँसते हुए मौसम अभी आते, लेकिन
कितने हँसते हुए मौसम अभी आते, लेकिन

एक ही धूप ने कुम्हला दिया मंज़र मेरा
एक ही धूप ने कुम्हला दिया मंज़र मेरा
कभी साया है...

बा-वफ़ा था तो मुझे पूछने वाले भी ना थे
बा-वफ़ा था तो मुझे पूछने वाले भी ना थे

बे-वफ़ा हूँ तो हुआ नाम भी घर-घर मेरा
बे-वफ़ा हूँ तो हुआ नाम भी घर-घर मेरा
कभी साया है, कभी धूप मुक़द्दर मेरा
होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा
कभी साया है, कभी धूप मुक़द्दर मेरा
कभी साया है...

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