Gham Ki Jo Ghata Songtext
von Pankaj Udhas
Gham Ki Jo Ghata Songtext
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
बरसे भी कुछ ऐसे कि ख़ुशी देख के तरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
मरने का नहीं ख़ौफ़ अगर डर है तो इतना
मरने का नहीं ख़ौफ़ अगर डर है तो इतना
निकले न मेरी लाश कहीं आप के घर से
निकले न मेरी लाश कहीं आप के घर से
बरसे भी कुछ ऐसे कि ख़ुशी देख के तरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
मंज़िल ने तो हर ग़म पे रह-रह के पुकारा
मंज़िल ने तो हर ग़म पे रह-रह के पुकारा
उलझे ही रहे लोग यहाँ राह-गुज़र से
उलझे ही रहे लोग यहाँ राह-गुज़र से
बरसे भी कुछ ऐसे कि ख़ुशी देख के तरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
पयाब में मंज़ूर नहीं डूबना ′अंजुम'
पयाब में मंज़ूर नहीं डूबना ′अंजुम'
अच्छा है गुज़र जाए ये पानी मेरे सर से
अच्छा है गुज़र जाए ये पानी मेरे सर से
बरसे भी कुछ ऐसे कि ख़ुशी देख के तरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
बरसे भी कुछ ऐसे कि ख़ुशी देख के तरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
मरने का नहीं ख़ौफ़ अगर डर है तो इतना
मरने का नहीं ख़ौफ़ अगर डर है तो इतना
निकले न मेरी लाश कहीं आप के घर से
निकले न मेरी लाश कहीं आप के घर से
बरसे भी कुछ ऐसे कि ख़ुशी देख के तरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
मंज़िल ने तो हर ग़म पे रह-रह के पुकारा
मंज़िल ने तो हर ग़म पे रह-रह के पुकारा
उलझे ही रहे लोग यहाँ राह-गुज़र से
उलझे ही रहे लोग यहाँ राह-गुज़र से
बरसे भी कुछ ऐसे कि ख़ुशी देख के तरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
पयाब में मंज़ूर नहीं डूबना ′अंजुम'
पयाब में मंज़ूर नहीं डूबना ′अंजुम'
अच्छा है गुज़र जाए ये पानी मेरे सर से
अच्छा है गुज़र जाए ये पानी मेरे सर से
बरसे भी कुछ ऐसे कि ख़ुशी देख के तरसे
ग़म की जो घटा आए तो फिर झूम के बरसे
Writer(s): Pankaj Udhas, Sardar Anjum Lyrics powered by www.musixmatch.com