Ek Aisa Ghar Chahiye Mujko Songtext
von Pankaj Udhas
Ek Aisa Ghar Chahiye Mujko Songtext
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जिसकी फज्जा मस्ताना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में मैखाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जिसकी फ़ज़्ज़ा मस्ताना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में मैखाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
ऐसा घर जिसके दरवाजे
बंद नऽ हो इंसानो पर
ऐसा घर जिसके दरवाजे
बंद नऽ हो इंसानो पर
ऐसा घर जिसके दरवाजे
बंद नऽ हो इंसानो पर
शेखों पहलमन रिंदो शराबी
सबका आना जाना हो
सबका आना जाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
एक तख़्ती अंगूर के पानी से
लिख कर दर पर रख दो
एक तख़्ती अंगूर के पानी से
लिख कर दर पर रख दो
एक तख़्ती अंगूर के पानी से
लिख कर दर पर रख दो
इस घर में वो आए जिसको
सुबह तलक ना जाना हो
सुबह तलक ना जाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जिसकी फज्जा मस्ताना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में मैखाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जो मैखार यहा आता हैं
अपना मेहमा होता हैं
जो मैखार यहा आता हैं
अपना मेहमा होता हैं
जो मैखार यहा आता हैं
अपना मेहमा होता हैं
वो बाजार में जाके पीले
जिसको दाम चुकाना हो
जिसको दाम चुकाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
प्यासे हैं होटों से कहना
कितना हैं आसान ज़फर
प्यासे हैं होटों से कहना
कितना हैं आसान ज़फर
प्यासे हैं होटों से कहना
कितना हैं आसान ज़फर
मुश्किल उस दम आती है जब
आँखो से समझाना हो
आँखो से समझाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जिसकी फज्जा मस्ताना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में मैखाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जिसकी फज्जा मस्ताना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में मैखाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जिसकी फ़ज़्ज़ा मस्ताना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में मैखाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
ऐसा घर जिसके दरवाजे
बंद नऽ हो इंसानो पर
ऐसा घर जिसके दरवाजे
बंद नऽ हो इंसानो पर
ऐसा घर जिसके दरवाजे
बंद नऽ हो इंसानो पर
शेखों पहलमन रिंदो शराबी
सबका आना जाना हो
सबका आना जाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
एक तख़्ती अंगूर के पानी से
लिख कर दर पर रख दो
एक तख़्ती अंगूर के पानी से
लिख कर दर पर रख दो
एक तख़्ती अंगूर के पानी से
लिख कर दर पर रख दो
इस घर में वो आए जिसको
सुबह तलक ना जाना हो
सुबह तलक ना जाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जिसकी फज्जा मस्ताना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में मैखाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जो मैखार यहा आता हैं
अपना मेहमा होता हैं
जो मैखार यहा आता हैं
अपना मेहमा होता हैं
जो मैखार यहा आता हैं
अपना मेहमा होता हैं
वो बाजार में जाके पीले
जिसको दाम चुकाना हो
जिसको दाम चुकाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
प्यासे हैं होटों से कहना
कितना हैं आसान ज़फर
प्यासे हैं होटों से कहना
कितना हैं आसान ज़फर
प्यासे हैं होटों से कहना
कितना हैं आसान ज़फर
मुश्किल उस दम आती है जब
आँखो से समझाना हो
आँखो से समझाना हो
एक ऐसा घर चाहिए मुझको
जिसकी फज्जा मस्ताना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में गज़ल की महफ़िल
एक कोने में मैखाना हो
एक कोने में मैखाना हो
Writer(s): Zafar Gorakhpuri, Pankaj Udhas Lyrics powered by www.musixmatch.com