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Choom Kar Madh Bhari Songtext
von Pankaj Udhas

Choom Kar Madh Bhari Songtext

सब चमन से गुलाब ले आए
हुस्न वाले शबाब ले आए
शेख साहब ने माँग ली जन्नत
हम वहाँ से शराब ले आए

चूम कर मद भरी आँखो से गुलाबी काग़ज़
चूम कर मद भरी आँखो से गुलाबी काग़ज़
उसने भेजा है मेरे नाम शराबी काग़ज़
चूम कर मद भरी आँखो से गुलाबी काग़ज़
उसने भेजा है मेरे नाम शराबी काग़ज़
चूम कर मद भरी आँखो से गुलाबी काग़ज़


उसके हाथों में गुलाबों की महक है शायद
उसके हाथों में गुलाबों की महक है शायद
उसके हाथों में गुलाबों की महक है शायद
उसके छुने से हुआ सारा गुलाबी काग़ज़
उसके छुने से हुआ सारा गुलाबी काग़ज़
चूम कर मद भरी आँखो से गुलाबी काग़ज़

उसका खत पाते ही मैखाने की याद आती है
उसका खत पाते ही मैखाने की याद आती है
उसका खत पाते ही मैखाने की याद आती है
कहीं मुझको भी बना दे ना शराबी काग़ज़
कहीं मुझको भी बना दे ना शराबी काग़ज़
चूम कर मद भरी आँखो से गुलाबी काग़ज़

कही मैं उसका पता भूल ना जाऊं राशिद
कही मैं उसका पता भूल ना जाऊं राशिद
कही मैं उसका पता भूल ना जाऊं राशिद
मुझको लिखता है वो हर बार जवाबी काग़ज़
मुझको लिखता है वो हर बार जवाबी काग़ज़
चूम कर मद भरी आँखों से गुलाबी काग़ज़
उसने भेजा है मेरे नाम शराबी काग़ज़
चूम कर मद भरी आँखो से गुलाबी काग़ज़

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