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Jahan Pe Savera Ho Basera Wahin Hai - Baseraa Songtext
von Lata Mangeshkar

Jahan Pe Savera Ho Basera Wahin Hai - Baseraa Songtext

कभी पास बैठो, किसी फूल के पास
सुनो जब महकता है, बहुत कुछ ये कहता है

ओ, कभी गुनगुना के, कभी मुस्कुरा के
कभी गुनगुना के, कभी मुस्कुरा के
कभी चुपके-चुपके, कभी खिलखिला के
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है

जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है


ओ, कभी छोटे-छोटे शबनम के क़तरे
कभी छोटे-छोटे शबनम के क़तरे
देखे तो होंगे सुबह-ओ-सवेरे
ये नन्ही सी आँखें जागी हैं शब भर
बहुत कुछ है दिल में, बस इतना है लब पर

जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है

ना मिट्टी, ना गारा, ना सोना सजाना
ना मिट्टी, ना गारा, ना सोना सजाना
जहाँ प्यार देखो वहीं घर बनाना
ये दिल की इमारत बनती है दिल से
दिलासों को छू के, उम्मीदों से मिल के
जहाँ पे सवेरा हो

जहाँ पे बसेरा हो सवेरा वहीं है
जहाँ पे बसेरा हो सवेरा वहीं है
जहाँ पे बसेरा हो सवेरा वहीं है

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