Yeh Dil Aur Unki Nigahon Ke Saaye Songtext
von Lata Mangeshkar
Yeh Dil Aur Unki Nigahon Ke Saaye Songtext
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
पहाड़ों को चंचल किरण चूमती है
पहाड़ों को चंचल किरण चूमती है
हवा हर नदी का बदन चूमती है
हवा हर नदी का बदन चूमती है
यहाँ से वहाँ तक हैं चाहों के साए
यहाँ से वहाँ तक हैं चाहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
लिपटते ये पेड़ों से बादल घनेरे
लिपटते ये पेड़ों से बादल घनेरे
ये पल-पल उजाले, ये पल-पल अँधेरे
ये पल-पल उजाले, ये पल-पल अँधेरे
बहुत ठंडे-ठंडे हैं राहों के साए
बहुत ठंडे-ठंडे हैं राहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
धड़कते हैं दिल कितनी आज़ादियों से
धड़कते हैं दिल कितनी आज़ादियों से
बहुत मिलते-जुलते हैं इन वादियों से
बहुत मिलते-जुलते हैं इन वादियों से
मोहब्बत की रंगीन पनाहों के साए
मोहब्बत की रंगीन पनाहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
पहाड़ों को चंचल किरण चूमती है
पहाड़ों को चंचल किरण चूमती है
हवा हर नदी का बदन चूमती है
हवा हर नदी का बदन चूमती है
यहाँ से वहाँ तक हैं चाहों के साए
यहाँ से वहाँ तक हैं चाहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
लिपटते ये पेड़ों से बादल घनेरे
लिपटते ये पेड़ों से बादल घनेरे
ये पल-पल उजाले, ये पल-पल अँधेरे
ये पल-पल उजाले, ये पल-पल अँधेरे
बहुत ठंडे-ठंडे हैं राहों के साए
बहुत ठंडे-ठंडे हैं राहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
धड़कते हैं दिल कितनी आज़ादियों से
धड़कते हैं दिल कितनी आज़ादियों से
बहुत मिलते-जुलते हैं इन वादियों से
बहुत मिलते-जुलते हैं इन वादियों से
मोहब्बत की रंगीन पनाहों के साए
मोहब्बत की रंगीन पनाहों के साए
ये दिल और उनकी निगाहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साए
Writer(s): Jaidev, Jan Nisar Akhtar Lyrics powered by www.musixmatch.com