Chanchal Sheetal Nirmal Komal (Satyam Shivam Sundaram) Songtext
von Mukesh
Chanchal Sheetal Nirmal Komal (Satyam Shivam Sundaram) Songtext
चंचल (चंचल), शीतल (शीतल), निर्मल (निर्मल), कोमल (कोमल)
संगीत की देवी स्वर सजनी (संगीत की देवी स्वर सजनी)
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी, स्वर सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
सुंदरता की हर प्रतिमा से बढ़ कर है तू सुंदर, सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
कहते हैं जहाँ ना रवि पहुँचे, कहते हैं वहाँ पर कवि पहुँचे
कहते हैं जहाँ ना रवि पहुँचे, कहते हैं वहाँ पर कवि पहुँचे
तेरे रंग-रूप की छाया तक ना रवि पहुँचे, ना कवि पहुँचे
मैं छूने लगूँ, तू उड़ जाए, परियों से तेरे पर, सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
तेरे रसवंती होंठों का मैं गीत कोई बन जाऊँगा
तेरे रसवंती होंठों का मैं गीत कोई बन जाऊँगा
सरगम के फूलों से तेरे सपनों की सेज सजाऊँगा
डोली में बैठ के आएगी जब तू साजन के घर, सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
ऐसा लगता है, टूट गए सब तारे, टूट के सिमट गए
गोरे-गोरे एक चंदा से रंगीन बदन पे लिपट गए
बन कर नथ, कंगन, करधनिया, घुँगरू, झुमके, झूमर, सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
(चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल)
संगीत की देवी स्वर सजनी (चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल)
संगीत की देवी स्वर सजनी (चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल)
संगीत की देवी स्वर सजनी (संगीत की देवी स्वर सजनी)
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी, स्वर सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
सुंदरता की हर प्रतिमा से बढ़ कर है तू सुंदर, सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
कहते हैं जहाँ ना रवि पहुँचे, कहते हैं वहाँ पर कवि पहुँचे
कहते हैं जहाँ ना रवि पहुँचे, कहते हैं वहाँ पर कवि पहुँचे
तेरे रंग-रूप की छाया तक ना रवि पहुँचे, ना कवि पहुँचे
मैं छूने लगूँ, तू उड़ जाए, परियों से तेरे पर, सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
तेरे रसवंती होंठों का मैं गीत कोई बन जाऊँगा
तेरे रसवंती होंठों का मैं गीत कोई बन जाऊँगा
सरगम के फूलों से तेरे सपनों की सेज सजाऊँगा
डोली में बैठ के आएगी जब तू साजन के घर, सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
ऐसा लगता है, टूट गए सब तारे, टूट के सिमट गए
गोरे-गोरे एक चंदा से रंगीन बदन पे लिपट गए
बन कर नथ, कंगन, करधनिया, घुँगरू, झुमके, झूमर, सजनी
चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी
(चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल)
संगीत की देवी स्वर सजनी (चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल)
संगीत की देवी स्वर सजनी (चंचल, शीतल, निर्मल, कोमल)
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com