Baharon Ne Mera Chaman Loot Kar Songtext
von Mukesh
Baharon Ne Mera Chaman Loot Kar Songtext
बहारों ने मेरा चमन लूटकर ख़िज़ाँ को ये इल्ज़ाम क्यों दे दिया?
किसी ने चलो दुश्मनी की, मगर इसे "दोस्ती" नाम क्यों दे दिया?
बहारों ने मेरा चमन लूटकर...
मैं समझा नहीं, ऐ मेरे हमनशीं
सज़ा ये मिली है मुझे किसलिए?
सज़ा ये मिली है मुझे किसलिए?
कि साक़ी ने लब से मेरे छीनकर किसी और को जाम क्यों दे दिया?
बहारों ने मेरा चमन लूटकर...
मुझे क्या पता था कभी इश्क़ में रक़ीबों को क़ासिद बनाते नहीं
रक़ीबों को क़ासिद बनाते नहीं
ख़ता हो गई मुझसे, क़ासिद मेरे, तेरे हाथ पैग़ाम क्यों दे दिया?
बहारों ने मेरा चमन लूटकर...
खुदाया, यहाँ तेरे इंसाफ़ के बहुत मैंने चर्चे सुने हैं, मगर
बहुत मैंने चर्चे सुने हैं, मगर
सज़ा की जगह एक ख़तावार को भला तूने इनाम क्यों दे दिया?
बहारों ने मेरा चमन...
किसी ने चलो दुश्मनी की, मगर इसे "दोस्ती" नाम क्यों दे दिया?
बहारों ने मेरा चमन लूटकर...
मैं समझा नहीं, ऐ मेरे हमनशीं
सज़ा ये मिली है मुझे किसलिए?
सज़ा ये मिली है मुझे किसलिए?
कि साक़ी ने लब से मेरे छीनकर किसी और को जाम क्यों दे दिया?
बहारों ने मेरा चमन लूटकर...
मुझे क्या पता था कभी इश्क़ में रक़ीबों को क़ासिद बनाते नहीं
रक़ीबों को क़ासिद बनाते नहीं
ख़ता हो गई मुझसे, क़ासिद मेरे, तेरे हाथ पैग़ाम क्यों दे दिया?
बहारों ने मेरा चमन लूटकर...
खुदाया, यहाँ तेरे इंसाफ़ के बहुत मैंने चर्चे सुने हैं, मगर
बहुत मैंने चर्चे सुने हैं, मगर
सज़ा की जगह एक ख़तावार को भला तूने इनाम क्यों दे दिया?
बहारों ने मेरा चमन...
Writer(s): Roshan, Anand Bakshi Lyrics powered by www.musixmatch.com