Phoolon Ki Tarah Songtext
von Mohammed Rafi
Phoolon Ki Tarah Songtext
फूलों की तरह वो हँसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुम से बिल्कुल मिलती है
ख़ाबों में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुम से बिल्कुल मिलती है
ख़ाबों में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
जीवन की धड़कन बनकर वो
छा जाती थी इन साँसों में
और मैं भी डूबा रहता था
उसकी मतवाली आँखों में
तुम जैसे शरमा जाती हो
ऐसे ही वो शरमाती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
तू मेरे तसव्वुर में आकर
अक्सर खामोश सी रहती थी
ना मैं तुझ से कुछ कहता था
ना तू मुझ से कुछ कहती थी
कुछ मैंने अगर कहना चाहा
तेरी नज़र झुक जाती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
होंठों को इजाज़त तुम दे दो
इज़हार मोहब्बत का कर लूँ
कह दो अगर जो आज मुझे
इन बाँहों में तुम को भर लूँ
ये प्यारी सी सूरत है वही
दिन-रात नज़र जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुम से बिल्कुल मिलती है
ख़ाबों में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुम से बिल्कुल मिलती है
ख़ाबों में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुम से बिल्कुल मिलती है
ख़ाबों में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
जीवन की धड़कन बनकर वो
छा जाती थी इन साँसों में
और मैं भी डूबा रहता था
उसकी मतवाली आँखों में
तुम जैसे शरमा जाती हो
ऐसे ही वो शरमाती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
तू मेरे तसव्वुर में आकर
अक्सर खामोश सी रहती थी
ना मैं तुझ से कुछ कहता था
ना तू मुझ से कुछ कहती थी
कुछ मैंने अगर कहना चाहा
तेरी नज़र झुक जाती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
होंठों को इजाज़त तुम दे दो
इज़हार मोहब्बत का कर लूँ
कह दो अगर जो आज मुझे
इन बाँहों में तुम को भर लूँ
ये प्यारी सी सूरत है वही
दिन-रात नज़र जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
कलियों की तरह मुस्काती थी
वो तुम से बिल्कुल मिलती है
ख़ाबों में मेरे जो आती थी
फूलों की तरह वो हँसती थी
Writer(s): Bappi Lahiri, Dev Dev Lyrics powered by www.musixmatch.com