Songtexte.com Drucklogo

Main Zindagi Ka Saath Nibhata Chala Gaya Songtext
von Mohammed Rafi

Main Zindagi Ka Saath Nibhata Chala Gaya Songtext

मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा...

बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था
बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था
मनाना फ़ुज़ूल था, मनाना फ़ुज़ूल था

बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया
बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा...


जो मिल गया, उसी को मुक़द्दर समझ लिया
जो मिल गया, उसी को मुक़द्दर समझ लिया
मुक़द्दर समझ लिया, मुक़द्दर समझ लिया

जो खो गया, मैं उस को भुलाता चला गया
जो खो गया, मैं उस को भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा...

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ ना महसूस हो जहाँ
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ ना महसूस हो जहाँ
ना महसूस हो जहाँ, ना महसूस हो जहाँ

मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया

Songtext kommentieren

Log dich ein um einen Eintrag zu schreiben.
Schreibe den ersten Kommentar!

Quiz
Wer besingt den „Summer of '69“?

Fans

»Main Zindagi Ka Saath Nibhata Chala Gaya« gefällt bisher niemandem.