Mujhe Dard-E-Dil Ka Pata Na Tha Songtext
von Mohammed Rafi
Mujhe Dard-E-Dil Ka Pata Na Tha Songtext
मुझे दर्द-ए-दिल का पता ना था
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं अकेले यूँ भी मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गए
मुझे दर्द-ए-दिल का पता ना था
मुझे आप किस लिए मिल गए
यूँ ही अपने-अपने सफ़र में गुम
कहीं दूर मैं, कहीं दूर तुम
यूँ ही अपने-अपने सफ़र में गुम
कहीं दूर मैं, कहीं दूर तुम, कहीं दूर तुम
चले जा रहे थे जुदा-जुदा
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं अकेले यूँ भी मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं ग़रीब, हाथ बढ़ा तो दूँ
तुम्हें पा सकूँ कि ना पा सकूँ
मैं ग़रीब, हाथ बढ़ा तो दूँ
तुम्हें पा सकूँ कि ना पा सकूँ, तुम्हें पा सकूँ
मेरी जाँ, बहुत है ये फ़ासला
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं अकेले यूँ भी मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गए
ना मैं चाँद हूँ किसी शाम का
ना चिराग़ हूँ किसी बाम का
ना मैं चाँद हूँ किसी शाम का
ना चिराग़ हूँ किसी बाम का, किसी बाम का
मैं तो रास्ते का हूँ एक दीया
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं अकेले यूँ भी मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गए
मुझे दर्द-ए-दिल का पता ना था
मुझे आप किस लिए मिल गए
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं अकेले यूँ भी मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गए
मुझे दर्द-ए-दिल का पता ना था
मुझे आप किस लिए मिल गए
यूँ ही अपने-अपने सफ़र में गुम
कहीं दूर मैं, कहीं दूर तुम
यूँ ही अपने-अपने सफ़र में गुम
कहीं दूर मैं, कहीं दूर तुम, कहीं दूर तुम
चले जा रहे थे जुदा-जुदा
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं अकेले यूँ भी मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं ग़रीब, हाथ बढ़ा तो दूँ
तुम्हें पा सकूँ कि ना पा सकूँ
मैं ग़रीब, हाथ बढ़ा तो दूँ
तुम्हें पा सकूँ कि ना पा सकूँ, तुम्हें पा सकूँ
मेरी जाँ, बहुत है ये फ़ासला
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं अकेले यूँ भी मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गए
ना मैं चाँद हूँ किसी शाम का
ना चिराग़ हूँ किसी बाम का
ना मैं चाँद हूँ किसी शाम का
ना चिराग़ हूँ किसी बाम का, किसी बाम का
मैं तो रास्ते का हूँ एक दीया
मुझे आप किस लिए मिल गए
मैं अकेले यूँ भी मज़े में था
मुझे आप किस लिए मिल गए
मुझे दर्द-ए-दिल का पता ना था
मुझे आप किस लिए मिल गए
Writer(s): Chitragupta, Majrooh Sultanpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com