Seeli Hawa Chu Gayi Songtext
von Lata Mangeshkar
Seeli Hawa Chu Gayi Songtext
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
नीली नदी के परे
गीला सा चाँद खिल गया
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
तुम से मिली जो ज़िंदगी
हम ने अभी बोई नहीं
तुम से मिली जो ज़िंदगी
हम ने अभी बोई नहीं
तेरे सिवा कोई ना था
तेरे सिवा कोई नहीं
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
जाने कहाँ, कैसे शहर
लेके चला ये दिल मुझे
जाने कहाँ, कैसे शहर
लेके चला ये दिल मुझे
तेरे बग़ैर दिन ना जला
तेरे बग़ैर शब ना बुझे
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
जितने भी तय करते गए
बढ़ते गए ये फ़ासले
जितने भी तय करते गए
बढ़ते गए ये फ़ासले
मीलों से दिन छोड़ आए
सालों से रात लेके चले
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
नीली नदी के परे
गीला सा चाँद खिल गया
सीला बदन छिल गया
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
नीली नदी के परे
गीला सा चाँद खिल गया
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
तुम से मिली जो ज़िंदगी
हम ने अभी बोई नहीं
तुम से मिली जो ज़िंदगी
हम ने अभी बोई नहीं
तेरे सिवा कोई ना था
तेरे सिवा कोई नहीं
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
जाने कहाँ, कैसे शहर
लेके चला ये दिल मुझे
जाने कहाँ, कैसे शहर
लेके चला ये दिल मुझे
तेरे बग़ैर दिन ना जला
तेरे बग़ैर शब ना बुझे
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
जितने भी तय करते गए
बढ़ते गए ये फ़ासले
जितने भी तय करते गए
बढ़ते गए ये फ़ासले
मीलों से दिन छोड़ आए
सालों से रात लेके चले
सीली हवा छू गई
सीला बदन छिल गया
नीली नदी के परे
गीला सा चाँद खिल गया
Writer(s): Gulzar, R D Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com