Phir Kisi Shaq Ne Songtext
von Lata Mangeshkar
Phir Kisi Shaq Ne Songtext
फिर किसी शाख ने फेंकी छाओं
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी राह ने पास बुलाया
फिर किसी शाख ने फेंकी छाओं
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी राह ने पास बुलाया
फिर किसी शाख ने फेंकी छाओं
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
लब पे आता नहीं था नाम उनका
लब पे आता नहीं था नाम उनका
आज आया तोह बार बार आया
बेवजह बेकरार रहते थे
बेवजह आज फिर क़रार आया
फिर किसी शाख ने फेंकी छाओं
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
हम तोह भुले हुए थे दिल को मगर
हम तोह भुले हुए थे दिल को मगर
दिल ने क्यों आज हमको याद किया
क्यूँ कुरेडा पुराना ज़ख्म उसने
क्यों किसी भूले ग़म को याद किया
फिर किसी शाख ने फेंकी छाओं
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी राह ने पास बुलाया.
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी राह ने पास बुलाया
फिर किसी शाख ने फेंकी छाओं
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी राह ने पास बुलाया
फिर किसी शाख ने फेंकी छाओं
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
लब पे आता नहीं था नाम उनका
लब पे आता नहीं था नाम उनका
आज आया तोह बार बार आया
बेवजह बेकरार रहते थे
बेवजह आज फिर क़रार आया
फिर किसी शाख ने फेंकी छाओं
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
हम तोह भुले हुए थे दिल को मगर
हम तोह भुले हुए थे दिल को मगर
दिल ने क्यों आज हमको याद किया
क्यूँ कुरेडा पुराना ज़ख्म उसने
क्यों किसी भूले ग़म को याद किया
फिर किसी शाख ने फेंकी छाओं
फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया
फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव
फिर किसी राह ने पास बुलाया.
Writer(s): Gulzar, Rahul Dev Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com