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Mehfil Soyee Songtext
von Lata Mangeshkar

Mehfil Soyee Songtext

महफ़िल सोई, ऐसा कोई...
महफ़िल सोई, ऐसा कोई होगा कहाँ
जो समझे ज़ुबाँ मेरी आँखों की
महफ़िल सोई, ऐसा कोई होगा कहाँ
जो समझे ज़ुबाँ मेरी आँखों की
महफ़िल सोई...

रात गाती हुई, गुनगुनाती हुई
हो, बीत जाएगी यूँ मुस्कुराती हुई
रात गाती हुई, गुनगुनाती हुई
हो, बीत जाएगी यूँ मुस्कुराती हुई


सुबह का समाँ पूछेगा कहाँ
गए मेहमाँ जो कल थे यहाँ

महफ़िल सोई, ऐसा कोई होगा कहाँ
जो समझे ज़ुबाँ मेरी आँखों की
महफ़िल सोई...

आज थम के गजर दे रहा है ख़बर
हो, कौन जाने, इधर आए ना सहर
आज थम के गजर दे रहा है ख़बर
हो, कौन जाने, इधर आए ना सहर

किसको पता ज़िंदगी है क्या
टूट ही गया, साज़ ही तो था


महफ़िल सोई, ऐसा कोई होगा कहाँ
जो समझे ज़ुबाँ मेरी आँखों की
महफ़िल सोई...

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