Kitni Jawan Hain Raat Songtext
von Lata Mangeshkar
Kitni Jawan Hain Raat Songtext
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
फिर आ गई चमन में गुज़री हुई बहार
फिर आ गई चमन में गुज़री हुई बहार
रहने लगा किसी का फिर दिल को इंतज़ार
रहने लगा किसी का फिर दिल को इंतज़ार
कब होगी मुलाक़ात, कोई याद आ गया
कब होगी मुलाक़ात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
फिर याद आ रहे हैं, गुज़रे हुए ज़माने
फिर याद आ रहे हैं, गुज़रे हुए ज़माने
दिल गुनगुना रहा हैं...
दिल गुनगुना रहा हैं, भूले हुए तराने
तनहाई और ये रात, कोई याद आ गया
तनहाई और ये रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
आँखों से नींद जाने उड़ कर कहाँ गई है
आँखों से नींद जाने उड़ कर कहाँ गई है
वो भी वहीं पे होंगे, निंदियाँ जहाँ गई है
वो भी वहीं पे होंगे, निंदियाँ जहाँ गई है
शायद यहीं है बात, कोई याद आ गया
शायद यहीं है बात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
फिर आ गई चमन में गुज़री हुई बहार
फिर आ गई चमन में गुज़री हुई बहार
रहने लगा किसी का फिर दिल को इंतज़ार
रहने लगा किसी का फिर दिल को इंतज़ार
कब होगी मुलाक़ात, कोई याद आ गया
कब होगी मुलाक़ात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
फिर याद आ रहे हैं, गुज़रे हुए ज़माने
फिर याद आ रहे हैं, गुज़रे हुए ज़माने
दिल गुनगुना रहा हैं...
दिल गुनगुना रहा हैं, भूले हुए तराने
तनहाई और ये रात, कोई याद आ गया
तनहाई और ये रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
आँखों से नींद जाने उड़ कर कहाँ गई है
आँखों से नींद जाने उड़ कर कहाँ गई है
वो भी वहीं पे होंगे, निंदियाँ जहाँ गई है
वो भी वहीं पे होंगे, निंदियाँ जहाँ गई है
शायद यहीं है बात, कोई याद आ गया
शायद यहीं है बात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
कितनी जवाँ है रात, कोई याद आ गया
बढ़ने लगी है बात, कोई याद आ गया
Writer(s): Rajinder Krishan, Chitalkar Ramchandra Lyrics powered by www.musixmatch.com