Jab Bhi Jee Chahe Songtext
von Lata Mangeshkar
Jab Bhi Jee Chahe Songtext
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
याद रहता है किसे गुज़रे ज़माने का चलन?
याद रहता है किसे?
सर्द पड़ जाती है चाहत, हार जाती है लगन
अब मुहब्बत भी है क्या एक तिजारत के सिवा?
हम ही नादाँ थे जो ओढ़ा बीती यादों का कफ़न
वरना जीने के लिए सबकुछ भुला लेते हैं लोग
वरना जीने के लिए सबकुछ भुला लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
जाने वो क्या लोग थे जिनको वफ़ा का पास था
जाने वो क्या लोग थे...
"दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी?" ये अहसास था
अब हैं पत्थर के सनम, जिनको अहसास, ना ग़म
वो ज़माना अब कहाँ जो पहले दिल को रास था
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
याद रहता है किसे गुज़रे ज़माने का चलन?
याद रहता है किसे?
सर्द पड़ जाती है चाहत, हार जाती है लगन
अब मुहब्बत भी है क्या एक तिजारत के सिवा?
हम ही नादाँ थे जो ओढ़ा बीती यादों का कफ़न
वरना जीने के लिए सबकुछ भुला लेते हैं लोग
वरना जीने के लिए सबकुछ भुला लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
जाने वो क्या लोग थे जिनको वफ़ा का पास था
जाने वो क्या लोग थे...
"दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी?" ये अहसास था
अब हैं पत्थर के सनम, जिनको अहसास, ना ग़म
वो ज़माना अब कहाँ जो पहले दिल को रास था
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Ludiavani Sahir Lyrics powered by www.musixmatch.com