Ja Re Kare Badra Balam Ke Dwar Songtext
von Lata Mangeshkar
Ja Re Kare Badra Balam Ke Dwar Songtext
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
वहीं जा के रो
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
किनकी पलक से पलक मोरी उलझी
किनकी पलक से पलक मोरी उलझी
निपट अनाड़ी से लट मोरी उलझी
कि लट उलझा के मैं तो गई हार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
वहीं जा के रो
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
अँग उन्हीं की लहरिया समाई
अँग उन्हीं की लहरिया समाई
कबहू ना पूछे, लूँ काहे अँगड़ाई
कि सौ-सौ बलखा के मैं तो गई हार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
"थाम लो बइँया", जो नर समझावें
"थाम लो बइँया", जो नर समझावें
"गरवा लगा लो", कजर समझावे
कि सब समझा के मैं तो गई हार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
वहीं जा के रो
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
वहीं जा के रो
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
किनकी पलक से पलक मोरी उलझी
किनकी पलक से पलक मोरी उलझी
निपट अनाड़ी से लट मोरी उलझी
कि लट उलझा के मैं तो गई हार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
वहीं जा के रो
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
अँग उन्हीं की लहरिया समाई
अँग उन्हीं की लहरिया समाई
कबहू ना पूछे, लूँ काहे अँगड़ाई
कि सौ-सौ बलखा के मैं तो गई हार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
"थाम लो बइँया", जो नर समझावें
"थाम लो बइँया", जो नर समझावें
"गरवा लगा लो", कजर समझावे
कि सब समझा के मैं तो गई हार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
वहीं जा के रो
जा रे कारे बदरा बलम के द्वार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
वो हैं ऐसे बुद्धू, ना समझे रे प्यार
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com