Chalo Ri Chalo Ri Songtext
von Lata Mangeshkar
Chalo Ri Chalo Ri Songtext
(चलो री, चलो री)
(चलो री, चलो री)
(चलो री, चलो री)
(चलो री, चलो री)
हो, चलो री, चलो री
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
(चलो री, चलो री)
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
एक दिन आई थी चमेली
पनिया भरन को अकेली
कहाँ गई फिर वो सहेली?
अभी तक है ये पहेली
हो, कैसा जुलुम हुआ, हाय-हाय, बरजोरी
हो-हो-हो-हो, हाय-हाय-हाय-हाय-हाय
हो, चलो री, चलो री
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
चमेली के प्रेम की कहानी
सुनाता है नदिया का पानी
नैना उझला के कहीं, रानी
बन गई किसी की दीवानी
हो, कम हो गई गाँव से एक छोरी
हाय-हाय-हाय-हाय-हाय, होय-होय-होय-होय-होय
हो, चलो री, चलो री
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
इसी पनघट पे राम जाने
घड़ा उठवाने के बहाने
मिले कितने लोग अंजाने
जन्मों के प्रेमी पुराने
हो-हो
हो, लोगों से छुप के, दुनिया से चोरी
(चलो री, चलो री)
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
(चलो री, चलो री)
(चलो री, चलो री)
हो, चलो री, चलो री
चलो री, चलो री
तुम अपना वादा भूल गए, Prakash
तुमने कहा था कि हमारे प्यार की अधूरी कहानी
अगले जनम में ज़रूर पूरी होगी
बोलो Prakash, कहा था ना?
मगर वो कहानी आज भी अधूरी है
मैं आज भी इस वादी में तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूँ
क्या तुम मेरे पास नहीं आओगे?
जबाव दो, Prakash
क्या तुम अपना वादा पूरा नहीं करोगे?
बोलो Prakash, नहीं आओगे?
मेरे नैना सावन-भादों
फिर भी मेरा मन प्यासा
बंद करो ये गाना
मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?
तुम मुझे क्यूँ तड़पाते हो, बाबु?
मैं तुम्हें क्या तड़पाऊँगा
मैं तो ख़ुद तड़प रहा हूँ
तुम यहाँ से चले क्यूँ नहीं जाते?
चला जाऊँ? कहाँ चला जाऊँ? कैसे चला जाऊँ?
ये, ये तो वो वादी है जहाँ पर हम दोनों की मौत हुई थी
ये तो वो धरती है जहाँ पिछले जनम के प्रेमी दफ़न हैं
यही तो वो जगह है जहाँ पर मरने से पहले
हम दोनों ने जनम-जनम तक साथ निभाने की क़समें खाईं थी
तुम्हीं बताओ, इस धरती को छोड़ कर कहाँ चला जाऊँ? कैसे चला जाऊँ?
तुम्हारी बातें...
तुम्हारी बातें मेरी समझ में कुछ भी नहीं आती हैं
आख़िर तुम चाहते क्या हो, बाबु?
मैं तुम्हें वो कहानी याद दिलाना चाहता हूँ
जो चंदनगढ़ के राजमहल से शुरू हुई
लेकिन पूरी होने से पहली ही ख़तम कर दी गई
ये झूठ है, मेरा उस कहानी से क्या संबंध है?
संबंध है, बहुत गहरा संबंध है
अगर तुम ना होती तो वो कहानी कभी शुरू ना होती
मेरा विश्वास करो, मेरा यक़ीन करो, Ratna
आज भी...
आज भी चंदनगढ़ के राजमहल में तुम्हारी तस्वीर लगी है
तस्वीर? (हाँ) मेरी तस्वीर? (हाँ)
नहीं-नहीं बाबु, तुमसे ज़रूर कोई भूल हुई है
वो तस्वीर किसी और की होगी
Ratna, चंदनगढ़ यहाँ से ज़्यादा दूर तो नहीं
तुम चलकर अपनी आँखों से देख लो
और चल कर ख़ुद ही फ़ैसला कर लो आज
देखो, देखो ये चंदनगढ़ का राजमहल है
इसे देख के कुछ याद आया?
जानती है, पिछले जनम में तुम यहाँ की राज नर्तकी थी
और मैं यहाँ का राज गायक
इसी शाही बाग़ में हम मिला करते थे जहाँ से हमारी मोहब्बत शुरू हुई थी
कुछ याद आया? कुछ भी नहीं? (नहीं)
आओ, आओ मेरे साथ
ये, ये वही राज दरबार है
वही दीवारें हैं
वही सतून हैं
इन पर की गई नक्काशी...
बरसों बीत गए
कुछ भी तो नहीं बदला
इसे ग़ौर से देखो
पहचानने की कोशिश करो
ये वही राज दरबार है
कुछ याद आया?
आओ, आओ मेरे साथ
ये, ये दीवारें ख़ास हैं
जहाँ पर नृत्य और संगीत की महफ़िलें जमा करती थीं
याद करो
ये वही जगह है जहाँ पहली बार तुम्हारा-हमारा सामना हुआ था
यहाँ पर महाराज बैठा करते थे और चारों तरफ़ दरबारी
उस तरफ़ Guruji का सिंहासन था
और उस तरफ़ उस्ताद Bandhe Ali Khan
और तुम, तुम गौरी के साथ मेरे बिल्कुल सामने बैठी थी
और जैसे ही महाराज का इशारा हुआ
मेरी उँगलियाँ सितार पर मचल उठीं और तुम्हारे पाँव बिजली की तरह थिरकने लगे
देखो, ये, ये वही जगह है हम रहा करते थे
उस तरफ़...
उस तरफ़ मेरा कमरा था और इस तरफ़ तुम्हारा
ये देखो
मैं...
मैं...
कुछ याद आया, Ratna?
मैं...
मैं...
मैं Ratna
Ratna
Prakash (Ratna)
Prakash (Ratna)
Prakash (Ratna)
Prakash
Prakash
Prakash
(चलो री, चलो री)
(चलो री, चलो री)
(चलो री, चलो री)
हो, चलो री, चलो री
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
(चलो री, चलो री)
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
एक दिन आई थी चमेली
पनिया भरन को अकेली
कहाँ गई फिर वो सहेली?
अभी तक है ये पहेली
हो, कैसा जुलुम हुआ, हाय-हाय, बरजोरी
हो-हो-हो-हो, हाय-हाय-हाय-हाय-हाय
हो, चलो री, चलो री
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
चमेली के प्रेम की कहानी
सुनाता है नदिया का पानी
नैना उझला के कहीं, रानी
बन गई किसी की दीवानी
हो, कम हो गई गाँव से एक छोरी
हाय-हाय-हाय-हाय-हाय, होय-होय-होय-होय-होय
हो, चलो री, चलो री
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
इसी पनघट पे राम जाने
घड़ा उठवाने के बहाने
मिले कितने लोग अंजाने
जन्मों के प्रेमी पुराने
हो-हो
हो, लोगों से छुप के, दुनिया से चोरी
(चलो री, चलो री)
चलो री, चलो री
किसी प्यासे परदेसी के आने से पहले
पनघट से घर को चलो री
(चलो री, चलो री)
(चलो री, चलो री)
हो, चलो री, चलो री
चलो री, चलो री
तुम अपना वादा भूल गए, Prakash
तुमने कहा था कि हमारे प्यार की अधूरी कहानी
अगले जनम में ज़रूर पूरी होगी
बोलो Prakash, कहा था ना?
मगर वो कहानी आज भी अधूरी है
मैं आज भी इस वादी में तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूँ
क्या तुम मेरे पास नहीं आओगे?
जबाव दो, Prakash
क्या तुम अपना वादा पूरा नहीं करोगे?
बोलो Prakash, नहीं आओगे?
मेरे नैना सावन-भादों
फिर भी मेरा मन प्यासा
बंद करो ये गाना
मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?
तुम मुझे क्यूँ तड़पाते हो, बाबु?
मैं तुम्हें क्या तड़पाऊँगा
मैं तो ख़ुद तड़प रहा हूँ
तुम यहाँ से चले क्यूँ नहीं जाते?
चला जाऊँ? कहाँ चला जाऊँ? कैसे चला जाऊँ?
ये, ये तो वो वादी है जहाँ पर हम दोनों की मौत हुई थी
ये तो वो धरती है जहाँ पिछले जनम के प्रेमी दफ़न हैं
यही तो वो जगह है जहाँ पर मरने से पहले
हम दोनों ने जनम-जनम तक साथ निभाने की क़समें खाईं थी
तुम्हीं बताओ, इस धरती को छोड़ कर कहाँ चला जाऊँ? कैसे चला जाऊँ?
तुम्हारी बातें...
तुम्हारी बातें मेरी समझ में कुछ भी नहीं आती हैं
आख़िर तुम चाहते क्या हो, बाबु?
मैं तुम्हें वो कहानी याद दिलाना चाहता हूँ
जो चंदनगढ़ के राजमहल से शुरू हुई
लेकिन पूरी होने से पहली ही ख़तम कर दी गई
ये झूठ है, मेरा उस कहानी से क्या संबंध है?
संबंध है, बहुत गहरा संबंध है
अगर तुम ना होती तो वो कहानी कभी शुरू ना होती
मेरा विश्वास करो, मेरा यक़ीन करो, Ratna
आज भी...
आज भी चंदनगढ़ के राजमहल में तुम्हारी तस्वीर लगी है
तस्वीर? (हाँ) मेरी तस्वीर? (हाँ)
नहीं-नहीं बाबु, तुमसे ज़रूर कोई भूल हुई है
वो तस्वीर किसी और की होगी
Ratna, चंदनगढ़ यहाँ से ज़्यादा दूर तो नहीं
तुम चलकर अपनी आँखों से देख लो
और चल कर ख़ुद ही फ़ैसला कर लो आज
देखो, देखो ये चंदनगढ़ का राजमहल है
इसे देख के कुछ याद आया?
जानती है, पिछले जनम में तुम यहाँ की राज नर्तकी थी
और मैं यहाँ का राज गायक
इसी शाही बाग़ में हम मिला करते थे जहाँ से हमारी मोहब्बत शुरू हुई थी
कुछ याद आया? कुछ भी नहीं? (नहीं)
आओ, आओ मेरे साथ
ये, ये वही राज दरबार है
वही दीवारें हैं
वही सतून हैं
इन पर की गई नक्काशी...
बरसों बीत गए
कुछ भी तो नहीं बदला
इसे ग़ौर से देखो
पहचानने की कोशिश करो
ये वही राज दरबार है
कुछ याद आया?
आओ, आओ मेरे साथ
ये, ये दीवारें ख़ास हैं
जहाँ पर नृत्य और संगीत की महफ़िलें जमा करती थीं
याद करो
ये वही जगह है जहाँ पहली बार तुम्हारा-हमारा सामना हुआ था
यहाँ पर महाराज बैठा करते थे और चारों तरफ़ दरबारी
उस तरफ़ Guruji का सिंहासन था
और उस तरफ़ उस्ताद Bandhe Ali Khan
और तुम, तुम गौरी के साथ मेरे बिल्कुल सामने बैठी थी
और जैसे ही महाराज का इशारा हुआ
मेरी उँगलियाँ सितार पर मचल उठीं और तुम्हारे पाँव बिजली की तरह थिरकने लगे
देखो, ये, ये वही जगह है हम रहा करते थे
उस तरफ़...
उस तरफ़ मेरा कमरा था और इस तरफ़ तुम्हारा
ये देखो
मैं...
मैं...
कुछ याद आया, Ratna?
मैं...
मैं...
मैं Ratna
Ratna
Prakash (Ratna)
Prakash (Ratna)
Prakash (Ratna)
Prakash
Prakash
Prakash
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com