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Bana Ke Kyun Bigada Re Songtext
von Lata Mangeshkar

Bana Ke Kyun Bigada Re Songtext

बना के क्यूँ बिगाड़ा रे?
बना के क्यूँ बिगाड़ा रे?
बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपरवाले, ऊपरवाले

बना के क्यूँ बिगाड़ा रे?
बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपरवाले, ऊपरवाले
बना के क्यूँ बिगाड़ा रे?

जो तुझको मंज़ूर नहीं था, फूल खिले इस प्यार के
फिर क्यूँ तूने इन आँखों को रंग दिखाए बहार के?


आस बँधा के, प्यार जता के, बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपरवाले, ऊपरवाले
बना के क्यूँ बिगाड़ा रे?

पाप करे इंसान अगर तो, वो पापी कहलाता है
तूने भी ये पाप किया, फिर कैसे कहूँ तू दाता है?

राह दिखा के, राह पे ला के, बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपरवाले, ऊपरवाले

बना के क्यूँ बिगाड़ा रे?
बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपरवाले, ऊपरवाले
बना के क्यूँ बिगाड़ा रे?

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