Aap Yun Faaslon Se Songtext
von Lata Mangeshkar
Aap Yun Faaslon Se Songtext
आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे
आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आहटों से अँधेरे चमकते रहे
रात आती रही, रात जाती रही
आप यूँ...
गुनगुनाती रहीं मेरी तन्हाइयाँ
दूर बजती रहीं कितनी शहनाइयाँ
ज़िंदगी ज़िंदगी को बुलाती रही
आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आप यूँ...
क़तरा-क़तरा पिघलता रहा आसमाँ
क़तरा-क़तरा पिघलता रहा आसमाँ
रूह की वादियों में ना जाने कहाँ
एक नदी...
एक नदी, दिलरुबा, गीत गाती रही
आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आप यूँ...
आप की गर्म बाँहों में खो जाएँगे
आप के नर्म ज़ानों पे सो जाएँगे
सो जाएँगे
मुद्दतों रात नींदें चुराती रहीं
आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आप यूँ...
आप यूँ...
आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आहटों से अँधेरे चमकते रहे
रात आती रही, रात जाती रही
आप यूँ...
गुनगुनाती रहीं मेरी तन्हाइयाँ
दूर बजती रहीं कितनी शहनाइयाँ
ज़िंदगी ज़िंदगी को बुलाती रही
आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आप यूँ...
क़तरा-क़तरा पिघलता रहा आसमाँ
क़तरा-क़तरा पिघलता रहा आसमाँ
रूह की वादियों में ना जाने कहाँ
एक नदी...
एक नदी, दिलरुबा, गीत गाती रही
आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आप यूँ...
आप की गर्म बाँहों में खो जाएँगे
आप के नर्म ज़ानों पे सो जाएँगे
सो जाएँगे
मुद्दतों रात नींदें चुराती रहीं
आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आप यूँ...
आप यूँ...
Writer(s): Mohammed Zahur Khayyam, Jan Nisar Akhtar Lyrics powered by www.musixmatch.com