Jiyenge Magar Muskura Na Sakenge Songtext
von Mukesh
Jiyenge Magar Muskura Na Sakenge Songtext
जिएँगे, मगर मुस्कुरा ना सकेंगे
जिएँगे, मगर मुस्कुरा ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
लबों पे तराने अब आ ना सकेंगे
लबों पे तराने अब आ ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
बहारें चमन में जब आया करेंगी
नज़ारों की महफ़िल सजाया करेंगी
बहारें चमन में जब आया करेंगी
नज़ारों की महफ़िल सजाया करेंगी
नज़ारे भी हम को हँसा ना सकेंगे
नज़ारे भी हम को हँसा ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
जवानी जो लाएगी सावन की रातें
ज़माना करेगा मोहब्बत की बातें
जवानी जो लाएगी...
जवानी जो लाएगी सावन की रातें
ज़माना करेगा मोहब्बत की बातें
मगर हम ये सावन मना ना सकेंगे
मगर हम ये सावन मना ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
लबों पे तराने अब आ ना सकेंगे
लबों पे तराने अब आ ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
जिएँगे, मगर मुस्कुरा ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
लबों पे तराने अब आ ना सकेंगे
लबों पे तराने अब आ ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
बहारें चमन में जब आया करेंगी
नज़ारों की महफ़िल सजाया करेंगी
बहारें चमन में जब आया करेंगी
नज़ारों की महफ़िल सजाया करेंगी
नज़ारे भी हम को हँसा ना सकेंगे
नज़ारे भी हम को हँसा ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
जवानी जो लाएगी सावन की रातें
ज़माना करेगा मोहब्बत की बातें
जवानी जो लाएगी...
जवानी जो लाएगी सावन की रातें
ज़माना करेगा मोहब्बत की बातें
मगर हम ये सावन मना ना सकेंगे
मगर हम ये सावन मना ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
लबों पे तराने अब आ ना सकेंगे
लबों पे तराने अब आ ना सकेंगे
कि अब ज़िंदगी में मोहब्बत नहीं है
मोहब्बत नहीं है
Writer(s): Kaif Irfani Lyrics powered by www.musixmatch.com