Jane Kahan Gaye Woh Din Songtext
von Mukesh
Jane Kahan Gaye Woh Din Songtext
जाने कहाँ गए वो दिन
कहते थे, "तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएँगे"
जाने कहाँ गए वो दिन
कहते थे, "तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएँगे"
चाहे कहीं भी तुम रहो
चाहेंगे तुमको उम्र-भर
तुमको ना भूल पाएँगे
मेरे क़दम जहाँ पड़े, सजदे किए थे यार ने
मेरे क़दम जहाँ पड़े, सजदे किए थे यार ने
मुझको रुला-रुला दिया जाती हुई बहार ने
जाने कहाँ गए वो दिन
कहते थे, "तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएँगे"
चाहे कहीं भी तुम रहो
चाहेंगे तुमको उम्र-भर
तुमको ना भूल पाएँगे
अपनी नज़र में आज-कल दिन भी अँधेरी रात है
अपनी नज़र में आज-कल दिन भी अँधेरी रात है
साया ही अपने साथ था, साया ही अपने साथ है
जाने कहाँ गए वो दिन
कहते थे, "तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएँगे"
चाहे कहीं भी तुम रहो
चाहेंगे तुमको उम्र-भर
तुमको ना भूल पाएँगे
कहते थे, "तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएँगे"
जाने कहाँ गए वो दिन
कहते थे, "तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएँगे"
चाहे कहीं भी तुम रहो
चाहेंगे तुमको उम्र-भर
तुमको ना भूल पाएँगे
मेरे क़दम जहाँ पड़े, सजदे किए थे यार ने
मेरे क़दम जहाँ पड़े, सजदे किए थे यार ने
मुझको रुला-रुला दिया जाती हुई बहार ने
जाने कहाँ गए वो दिन
कहते थे, "तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएँगे"
चाहे कहीं भी तुम रहो
चाहेंगे तुमको उम्र-भर
तुमको ना भूल पाएँगे
अपनी नज़र में आज-कल दिन भी अँधेरी रात है
अपनी नज़र में आज-कल दिन भी अँधेरी रात है
साया ही अपने साथ था, साया ही अपने साथ है
जाने कहाँ गए वो दिन
कहते थे, "तेरी राह में
नज़रों को हम बिछाएँगे"
चाहे कहीं भी तुम रहो
चाहेंगे तुमको उम्र-भर
तुमको ना भूल पाएँगे
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat Lyrics powered by www.musixmatch.com