Yeh jo chilman hai (MEHBOOB KI MEHNDI) Songtext
von Mohammed Rafi
Yeh jo chilman hai (MEHBOOB KI MEHNDI) Songtext
ये जो चिलमन है, दुश्मन है हमारी
कितनी शर्मीली
कितनी शर्मीली दुल्हन है हमारी
ये जो चिलमन है
दूसरा और कोई यहाँ क्यों रहे
दूसरा और कोई यहाँ क्यों रहे
हुस्न और इश्क़ के दरमियाँ क्यों रहे
दरमियाँ क्यों रहे
ये यहाँ क्यों रहे, हाँ जी हाँ क्यों रहे
ये जो आँचल है, शिकवा है हमारा, क्यों छुपाता है, चेहरा ये तुम्हारा
ये जो चिलमन है
कैसे दीदार आशिक़ तुम्हारा करे
कैसे दीदार आशिक़ तुम्हारा करे, रूख-ए-रोशन का कैसे नज़ारा करे
नज़ारा करे
ओ इशारा करे, हाँ पुकारा करे
ये जो गेसू है, बादल है क़सम से, कैसे बिखरे हैं गालों पे सनम के
ये जो चिलमन है
रुख़ से परदा ज़रा जो सरकने लगा
रुख़ से परदा ज़रा जो सरकने लगा
उफ़ ये कमबख्त दिल क्यों धड़कने लगा
धड़कने लगा
भड़कने लगा, दम अटकने लगा
ये जो धड़कन है, दुश्मन है हमारी, कैसे दिल संभले, उलझन है हमारी
ये जो चिलमन है, दुश्मन हैं हमारी
कितनी शर्मीली
कितनी शर्मीली दुल्हन है हमारी
ये जो चिलमन है
दूसरा और कोई यहाँ क्यों रहे
दूसरा और कोई यहाँ क्यों रहे
हुस्न और इश्क़ के दरमियाँ क्यों रहे
दरमियाँ क्यों रहे
ये यहाँ क्यों रहे, हाँ जी हाँ क्यों रहे
ये जो आँचल है, शिकवा है हमारा, क्यों छुपाता है, चेहरा ये तुम्हारा
ये जो चिलमन है
कैसे दीदार आशिक़ तुम्हारा करे
कैसे दीदार आशिक़ तुम्हारा करे, रूख-ए-रोशन का कैसे नज़ारा करे
नज़ारा करे
ओ इशारा करे, हाँ पुकारा करे
ये जो गेसू है, बादल है क़सम से, कैसे बिखरे हैं गालों पे सनम के
ये जो चिलमन है
रुख़ से परदा ज़रा जो सरकने लगा
रुख़ से परदा ज़रा जो सरकने लगा
उफ़ ये कमबख्त दिल क्यों धड़कने लगा
धड़कने लगा
भड़कने लगा, दम अटकने लगा
ये जो धड़कन है, दुश्मन है हमारी, कैसे दिल संभले, उलझन है हमारी
ये जो चिलमन है, दुश्मन हैं हमारी
Writer(s): Kudalkar Laxmikant, Anand Bakshi, Pyarelal Ramprasad Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com