Ye Jo Chilman Hai (Mehboob Ki Mehndi) Songtext
von Mohammed Rafi
Ye Jo Chilman Hai (Mehboob Ki Mehndi) Songtext
ये जो चिलमन है, दुश्मन है हमारी
ओ-ओ, ये जो चिलमन है, दुश्मन है हमारी
कितनी शर्मीली, ओ
कितनी शर्मीली दुल्हन है हमारी
ये जो चिलमन है...
दूसरा और कोई यहाँ क्यूँ रहे?
दूसरा और कोई यहाँ क्यूँ रहे?
हुस्न और इश्क़ के दरमियाँ क्यूँ रहे?
दरमियाँ क्यूँ रहे? ये यहाँ क्यूँ रहे, हाँ-जी, हाँ, क्यूँ रहे?
ये जो आँचल है, शिकवा है हमारा
क्यूँ छुपाता है चेहरा ये तुम्हारा?
हाय, ये जो चिलमन है...
कैसे दीदार आशिक़ तुम्हारा करे?
कैसे दीदार आशिक़ तुम्हारा करे?
रुख़-ए-रौशन का कैसे नज़ारा करे?
ओ, नज़ारा करे, ओ, इशारा करे, हाँ, पुकारा करे
ये जो गेसू हैं, बादल हैं, क़सम से
कैसे बिखरे हैं गालों पे सनम के
ओ-ओ, ये जो चिलमन है...
रुख़ से पर्दा ज़रा जो सरकने लगा
रुख़ से पर्दा ज़रा जो सरकने लगा
उफ़, ये कम्बख़्त दिल क्यूँ धड़कने लगा?
हाँ, धड़कने लगा, हाँ, भड़कने लगा, दम अटकने लगा
ये जो धड़कन है, दुश्मन है हमारी
कैसे दिल सँभले, उलझन है हमारी
ओ-ओ, ये जो चिलमन है, दुश्मन है हमारी
ओ-ओ, ये जो चिलमन है, दुश्मन है हमारी
कितनी शर्मीली, ओ
कितनी शर्मीली दुल्हन है हमारी
ये जो चिलमन है...
दूसरा और कोई यहाँ क्यूँ रहे?
दूसरा और कोई यहाँ क्यूँ रहे?
हुस्न और इश्क़ के दरमियाँ क्यूँ रहे?
दरमियाँ क्यूँ रहे? ये यहाँ क्यूँ रहे, हाँ-जी, हाँ, क्यूँ रहे?
ये जो आँचल है, शिकवा है हमारा
क्यूँ छुपाता है चेहरा ये तुम्हारा?
हाय, ये जो चिलमन है...
कैसे दीदार आशिक़ तुम्हारा करे?
कैसे दीदार आशिक़ तुम्हारा करे?
रुख़-ए-रौशन का कैसे नज़ारा करे?
ओ, नज़ारा करे, ओ, इशारा करे, हाँ, पुकारा करे
ये जो गेसू हैं, बादल हैं, क़सम से
कैसे बिखरे हैं गालों पे सनम के
ओ-ओ, ये जो चिलमन है...
रुख़ से पर्दा ज़रा जो सरकने लगा
रुख़ से पर्दा ज़रा जो सरकने लगा
उफ़, ये कम्बख़्त दिल क्यूँ धड़कने लगा?
हाँ, धड़कने लगा, हाँ, भड़कने लगा, दम अटकने लगा
ये जो धड़कन है, दुश्मन है हमारी
कैसे दिल सँभले, उलझन है हमारी
ओ-ओ, ये जो चिलमन है, दुश्मन है हमारी
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com