Tumhari Zulf Ke Saye Songtext
von Mohammed Rafi
Tumhari Zulf Ke Saye Songtext
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साए में शाम कर लूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साए में शाम कर लूँगा
सफ़र इक उम्र का पल में तमाम कर लूँगा
नज़र मिलाई तो पूछूँगा इश्क़ का अंजाम
नज़र मिलाई तो पूछूँगा इश्क़ का अंजाम
नज़र झुकाई तो ख़ाली सलाम कर लूँगा
नज़र झुकाई तो ख़ाली सलाम कर लूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साए में शाम कर लूँगा
जहान-ए-दिल पे हुकूमत तुम्हें मुबारक हो
जहान-ए-दिल पे हुकूमत तुम्हें मुबारक हो
रही शिकस्त तो वो अपने नाम कर लूँगा
रही शिकस्त तो वो अपने नाम कर लूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साए में शाम कर लूँगा
सफ़र इक उम्र का पल में तमाम कर लूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साए में शाम कर लूँगा
सफ़र इक उम्र का पल में तमाम कर लूँगा
नज़र मिलाई तो पूछूँगा इश्क़ का अंजाम
नज़र मिलाई तो पूछूँगा इश्क़ का अंजाम
नज़र झुकाई तो ख़ाली सलाम कर लूँगा
नज़र झुकाई तो ख़ाली सलाम कर लूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साए में शाम कर लूँगा
जहान-ए-दिल पे हुकूमत तुम्हें मुबारक हो
जहान-ए-दिल पे हुकूमत तुम्हें मुबारक हो
रही शिकस्त तो वो अपने नाम कर लूँगा
रही शिकस्त तो वो अपने नाम कर लूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साए में शाम कर लूँगा
सफ़र इक उम्र का पल में तमाम कर लूँगा
Writer(s): Madan Mohan, Kaifi Azmi Lyrics powered by www.musixmatch.com