Ruk Se Jara Naqaab Songtext
von Mohammed Rafi
Ruk Se Jara Naqaab Songtext
अपने रुख़ पर निगाह करने दो
ख़ूबसूरत गुनाह करने दो
रुख़ से पर्दा हटाओ, जान-ए-हया
आज दिल को तबाह करने दो
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
जल्वा फिर एक बार दिखा दो, मेरे हुज़ूर
वो मरमरीं से हाथ, वो महका हुआ बदन
वो मरमरीं से हाथ, वो महका हुआ बदन
टकराया मेरे दिल से मोहब्बत का एक चमन
मेरे भी दिल का फूल खिला दो, मेरे हुज़ूर
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
जल्वा फिर एक बार दिखा दो, मेरे हुज़ूर
हुस्न-ओ-जमाल आप का शीशे में देखकर
हुस्न-ओ-जमाल आप का शीशे में देखकर
मदहोश हो चुका हूँ मैं जल्वों की राह पर
′गर हो सके तो होश में ला दो, मेरे हुज़ूर
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
जल्वा फिर एक बार दिखा दो, मेरे हुज़ूर
तुम हमसफ़र मिले हो मुझे इस हयात में
तुम हमसफ़र मिले हो मुझे इस हयात में
मिल जाए जैसे चाँद कोई सूनी रात में
जाओगे तुम कहाँ ये बता दो, मेरे हुज़ूर?
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
जल्वा फिर एक बार दिखा दो, मेरे हुज़ूर
ख़ूबसूरत गुनाह करने दो
रुख़ से पर्दा हटाओ, जान-ए-हया
आज दिल को तबाह करने दो
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
जल्वा फिर एक बार दिखा दो, मेरे हुज़ूर
वो मरमरीं से हाथ, वो महका हुआ बदन
वो मरमरीं से हाथ, वो महका हुआ बदन
टकराया मेरे दिल से मोहब्बत का एक चमन
मेरे भी दिल का फूल खिला दो, मेरे हुज़ूर
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
जल्वा फिर एक बार दिखा दो, मेरे हुज़ूर
हुस्न-ओ-जमाल आप का शीशे में देखकर
हुस्न-ओ-जमाल आप का शीशे में देखकर
मदहोश हो चुका हूँ मैं जल्वों की राह पर
′गर हो सके तो होश में ला दो, मेरे हुज़ूर
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
जल्वा फिर एक बार दिखा दो, मेरे हुज़ूर
तुम हमसफ़र मिले हो मुझे इस हयात में
तुम हमसफ़र मिले हो मुझे इस हयात में
मिल जाए जैसे चाँद कोई सूनी रात में
जाओगे तुम कहाँ ये बता दो, मेरे हुज़ूर?
रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा दो, मेरे हुज़ूर
जल्वा फिर एक बार दिखा दो, मेरे हुज़ूर
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat Lyrics powered by www.musixmatch.com