Phool Sa Chehra Songtext
von Mohammed Rafi
Phool Sa Chehra Songtext
फूल सा चेहरा...
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
जो भी देखे, हो जाए पागल
अपनी तो हालात, क्या कहिए
फूल सा चेहरा...
अपनी अदा से आप सिमटना
साए से अपने-आप झिझकना
अपनी अदा से आप सिमटना
साए से अपने-आप झिझकना
हाथ लगे तो कुम्हला जाओ
ऐसी नज़ाकत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा...
एक नज़र से देख लो जिसको
बे-मौत वो तो मारा ही जाए
एक नज़र से देख लो जिसको
बे-मौत वो तो मारा ही जाए
ऊपर से भोली, अंदर से क़ातिल, हाय
ऊपर से भोली, अंदर से क़ातिल
ऐसी शरारत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा...
जिसको ज़माना कहता है "सूरज"
ये तो तुम्हारा नक़्श-ए-क़दम है
जिसको ज़माना कहता है "सूरज"
ये तो तुम्हारा नक़्श-ए-क़दम है
मिल जाए जिसको तुम सी हसीना
उसकी तो क़िस्मत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
जो भी देखे, हो जाए पागल
अपनी तो हालात, क्या कहिए
फूल सा चेहरा...
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
जो भी देखे, हो जाए पागल
अपनी तो हालात, क्या कहिए
फूल सा चेहरा...
अपनी अदा से आप सिमटना
साए से अपने-आप झिझकना
अपनी अदा से आप सिमटना
साए से अपने-आप झिझकना
हाथ लगे तो कुम्हला जाओ
ऐसी नज़ाकत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा...
एक नज़र से देख लो जिसको
बे-मौत वो तो मारा ही जाए
एक नज़र से देख लो जिसको
बे-मौत वो तो मारा ही जाए
ऊपर से भोली, अंदर से क़ातिल, हाय
ऊपर से भोली, अंदर से क़ातिल
ऐसी शरारत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा...
जिसको ज़माना कहता है "सूरज"
ये तो तुम्हारा नक़्श-ए-क़दम है
जिसको ज़माना कहता है "सूरज"
ये तो तुम्हारा नक़्श-ए-क़दम है
मिल जाए जिसको तुम सी हसीना
उसकी तो क़िस्मत, क्या कहिए
फूल सा चेहरा, चाँद सी रंगत
चाल क़यामत, क्या कहिए
जो भी देखे, हो जाए पागल
अपनी तो हालात, क्या कहिए
फूल सा चेहरा...
Writer(s): Hasrat Jaipuri, Sardar Malik Lyrics powered by www.musixmatch.com