Parwar Digar-E-Aalam Songtext
von Mohammed Rafi
Parwar Digar-E-Aalam Songtext
परवरदिगार-ए-आलम, तेरा ही है सहारा
तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा
परवरदिगार-ए-आलम, तेरा ही है सहारा
तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा
परवरदिगार-ए-आलम
नूह का सफ़ीना तूने तूफ़ान से बचाया
दुनिया में तू हमेशा बंदों के काम आया
माँगी ख़लील ने जब तुझसे दुआ, ख़ुदाया
आतिश को तूने फ़ौरन एक गुलिस्ताँ बनाया
हर इल्तिजा ने तेरी रहमत को है उभारा
परवरदिगार-ए-आलम, तेरा ही है सहारा
परवरदिगार-ए-आलम
यूनुस को तूने मछली के पेट से निकाला
तूने ही मुश्किलों में अय्यूब को सँभाला
इलियास पर करम का तूने किया उजाला
है दो जहाँ में, या रब, तेरा ही बोलबाला
तूने सदा, इलाही, बिगड़ी को है सँवारा
परवरदिगार-ए-आलम, तेरा ही है सहारा
परवरदिगार-ए-आलम
यूसुफ को तूने, मौला, दी क़ैद से रिहाई
याकूब को दोबारा शक्ल-ए-पिसर दिखाई
बहती हुई नदी में मूसा की राह बनाई
तूने सलीब पर भी इंसाँ की जाँ बचाई
दाता तेरे करम का कोई नहीं किनारा
परवरदिगार-ए-आलम
तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा
परवरदिगार-ए-आलम, तेरा ही है सहारा
तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा
परवरदिगार-ए-आलम
नूह का सफ़ीना तूने तूफ़ान से बचाया
दुनिया में तू हमेशा बंदों के काम आया
माँगी ख़लील ने जब तुझसे दुआ, ख़ुदाया
आतिश को तूने फ़ौरन एक गुलिस्ताँ बनाया
हर इल्तिजा ने तेरी रहमत को है उभारा
परवरदिगार-ए-आलम, तेरा ही है सहारा
परवरदिगार-ए-आलम
यूनुस को तूने मछली के पेट से निकाला
तूने ही मुश्किलों में अय्यूब को सँभाला
इलियास पर करम का तूने किया उजाला
है दो जहाँ में, या रब, तेरा ही बोलबाला
तूने सदा, इलाही, बिगड़ी को है सँवारा
परवरदिगार-ए-आलम, तेरा ही है सहारा
परवरदिगार-ए-आलम
यूसुफ को तूने, मौला, दी क़ैद से रिहाई
याकूब को दोबारा शक्ल-ए-पिसर दिखाई
बहती हुई नदी में मूसा की राह बनाई
तूने सलीब पर भी इंसाँ की जाँ बचाई
दाता तेरे करम का कोई नहीं किनारा
परवरदिगार-ए-आलम
Writer(s): Akhtar Romani, S. N. Tripathi Lyrics powered by www.musixmatch.com