Na Aadmi Ka Koi Bharosa Songtext
von Mohammed Rafi
Na Aadmi Ka Koi Bharosa Songtext
तेरी मोहब्बत पे शक़ नहीं है
तेरी वफ़ाओं को मानता हूँ
मगर तुझे किस की आरज़ू है
मैं ये हक़ीक़त भी जानता हूँ
ना आदमी का कोई भरोसा
ना दोस्ती का कोई ठिकाना
वफ़ा का बदला है बेवफ़ाई
अजब ज़माना है ये ज़माना
ना आदमी का कोई भरोसा
ना हुस्न में अब वो दिलकशी है
ना इश्क़ में अब वो ज़िंदगी है
जिधर निगाहें उठा के देखो
सितम है, धोका है, बेरुख़ी है
बदल गए ज़िंदगी के नग़्मे
बिखर गया प्यार का तराना
बदल गए ज़िंदगी के नग़्मे
बिखर गया प्यार का तराना
ना आदमी का कोई भरोसा
दवा के बदले में ज़हर दे दो
उतार दो मेरे दिल में ख़ंजर
लहू से सींचा था जिस चमन को
उगे हैं शोले उसी के अंदर
मेरे ही घर के चराग़ ने ख़ुद
जला दिल मेरा आशियाना
मेरे ही घर के चराग़ ने ख़ुद
जला दिल मेरा आशियाना
ना आदमी का कोई भरोसा
ना दोस्ती का कोई ठिकाना
वफ़ा का बदला है बेवफ़ाई
अजब ज़माना है ये ज़माना
तेरी वफ़ाओं को मानता हूँ
मगर तुझे किस की आरज़ू है
मैं ये हक़ीक़त भी जानता हूँ
ना आदमी का कोई भरोसा
ना दोस्ती का कोई ठिकाना
वफ़ा का बदला है बेवफ़ाई
अजब ज़माना है ये ज़माना
ना आदमी का कोई भरोसा
ना हुस्न में अब वो दिलकशी है
ना इश्क़ में अब वो ज़िंदगी है
जिधर निगाहें उठा के देखो
सितम है, धोका है, बेरुख़ी है
बदल गए ज़िंदगी के नग़्मे
बिखर गया प्यार का तराना
बदल गए ज़िंदगी के नग़्मे
बिखर गया प्यार का तराना
ना आदमी का कोई भरोसा
दवा के बदले में ज़हर दे दो
उतार दो मेरे दिल में ख़ंजर
लहू से सींचा था जिस चमन को
उगे हैं शोले उसी के अंदर
मेरे ही घर के चराग़ ने ख़ुद
जला दिल मेरा आशियाना
मेरे ही घर के चराग़ ने ख़ुद
जला दिल मेरा आशियाना
ना आदमी का कोई भरोसा
ना दोस्ती का कोई ठिकाना
वफ़ा का बदला है बेवफ़ाई
अजब ज़माना है ये ज़माना
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad Lyrics powered by www.musixmatch.com