Mere Deshpremiyo (Desh Premee) Songtext
von Mohammed Rafi
Mere Deshpremiyo (Desh Premee) Songtext
नफ़रत की लाठी तोड़ो, लालच का खंजर फेंको
ज़िद के पीछे मत दौड़ो, तुम प्रेम के पंछी हो
देश प्रेमियों
देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
नफ़रत की लाठी तोड़ो, लालच का खंजर फेंको
ज़िद के पीछे मत दौड़ो, तुम प्रेम के पंछी हो
देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
देखो, ये धरती हम सबकी माता है
सोचो, आपस में क्या अपना नाता है?
हम आपस में लड़ बैठे तो, देश को कौन संभालेगा?
कोई बाहर वाला अपने घर से हमें निकलेगा
दीवानों होश करो
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मीठे पानी में ये ज़हर ना तुम घोलो
जब भी कुछ बोलो ये सोच के तुम बोलो
भर जाता है गहरा घाव, जो बनता है गोली से
पर वो घाव नहीं भरता, जो बना हो कड़वी बोली से
तो मीठे बोल कहो
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
तोड़ो दीवारें ये चार दिशाओं की
रोको मत राहें इन मस्त हवाओं की
पूरब-पच्छिम-उत्तर-दक्खन वालों मेरा मतलब है
इस माटी से पूछो, "क्या भाषा? क्या इसका मज़हब है?"
फ़िर मुझसे बात करो
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
ज़िद के पीछे मत दौड़ो, तुम प्रेम के पंछी हो
देश प्रेमियों
देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
नफ़रत की लाठी तोड़ो, लालच का खंजर फेंको
ज़िद के पीछे मत दौड़ो, तुम प्रेम के पंछी हो
देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
देखो, ये धरती हम सबकी माता है
सोचो, आपस में क्या अपना नाता है?
हम आपस में लड़ बैठे तो, देश को कौन संभालेगा?
कोई बाहर वाला अपने घर से हमें निकलेगा
दीवानों होश करो
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मीठे पानी में ये ज़हर ना तुम घोलो
जब भी कुछ बोलो ये सोच के तुम बोलो
भर जाता है गहरा घाव, जो बनता है गोली से
पर वो घाव नहीं भरता, जो बना हो कड़वी बोली से
तो मीठे बोल कहो
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
तोड़ो दीवारें ये चार दिशाओं की
रोको मत राहें इन मस्त हवाओं की
पूरब-पच्छिम-उत्तर-दक्खन वालों मेरा मतलब है
इस माटी से पूछो, "क्या भाषा? क्या इसका मज़हब है?"
फ़िर मुझसे बात करो
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो मेरे देश प्रेमियों
Writer(s): Laxmikant-pyarelal, Anand Bakshi Lyrics powered by www.musixmatch.com