Songtexte.com Drucklogo

Maine Puchha Chand Se (Abdullah) Songtext
von Mohammed Rafi

Maine Puchha Chand Se (Abdullah) Songtext

मैंने पूछा चाँद से के देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीन
चाँद ने कहा, चाँदनी की कसम
नहीं, नहीं, नहीं

मैंने पूछा चाँद से के देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीन
चाँद ने कहा, चाँदनी की कसम
नहीं, नहीं, नहीं
मैंने पूछा चाँद से

मैंने ये हिजाब तेरा ढूँढा
हर जगह शबाब तेरा ढूँढा
कलियों से मिसाल तेरी पूछी
फूलों में जवाब तेरा ढूँढा
मैंने पूछा बाग से फ़लक हो या ज़मीं
ऐसा फूल है कहीं
बाग ने कहा, हर कली की कसम
नहीं, नहीं, नहीं
मैंने पूछा चाँद से


हो, चाल है के मौज की रवानी
जुल्फ है के रात की कहानी
होठ हैं के आईने कंवल के
आँख है के मयकदों की रानी

मैंने पूछा जाम से, फलक हो या ज़मीं
ऐसी मय भी है कहीं
जाम ने कहा, मयकशी की कसम
नहीं, नहीं, नहीं
मैंने पूछा चाँद से

खूबसुरती जो तूने पाई
लूट गई खुदा की बस खुदाई
मीर की ग़ज़ल कहूँ तुझे मैं
या कहूँ ख़याम की रुबाई

मैं जो पूछूँ शायरों से ऐसा दिलनशी
कोई शेर है कहीं
शायर कहें, शायरी की कसम
नहीं, नहीं, नहीं

मैंने पूछा चाँद से के देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा, चाँदनी की कसम
नहीं, नहीं, नहीं
मैंने पूछा चाँद से

Songtext kommentieren

Log dich ein um einen Eintrag zu schreiben.
Schreibe den ersten Kommentar!

Fans

»Maine Puchha Chand Se (Abdullah)« gefällt bisher niemandem.