Log Kahte Hai Ki Songtext
von Mohammed Rafi
Log Kahte Hai Ki Songtext
लोग कहते हैं कि हम तुम से किनारा कर ले
तुम जो कह दो तो सितम ये भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं...
तुम ने जिस हाल-ए-परेशाँ से निकाला था हमें
आसरा दे के मोहब्बत का सँभाला था हमें
सोचते हैं कि वो ही...
सोचते हैं कि वो ही हाल दोबारा कर ले
तुम जो कह दो तो सितम ये भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं...
यूँ भी अब तुम से मुलाक़ात नहीं होने की
मिल भी जाओ...
मिल भी जाओ तो कोई बात नहीं होने की
आख़िरी बार बस अब...
आख़िरी बार बस अब ज़िक्र तुम्हारा कर ले
तुम जो कह दो तो सितम ये भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं...
आख़िरी बार ख़यालों में बुला ले तुम को
आख़िरी बार कलेजे से लगा ले तुम को
और फिर अपने तड़पने...
और फिर अपने तड़पने का नज़ारा कर ले
तुम जो कह दो तो सितम ये भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं कि हम तुम से किनारा कर ले
तुम जो कह दो तो सितम ये भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं...
तुम ने जिस हाल-ए-परेशाँ से निकाला था हमें
आसरा दे के मोहब्बत का सँभाला था हमें
सोचते हैं कि वो ही...
सोचते हैं कि वो ही हाल दोबारा कर ले
तुम जो कह दो तो सितम ये भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं...
यूँ भी अब तुम से मुलाक़ात नहीं होने की
मिल भी जाओ...
मिल भी जाओ तो कोई बात नहीं होने की
आख़िरी बार बस अब...
आख़िरी बार बस अब ज़िक्र तुम्हारा कर ले
तुम जो कह दो तो सितम ये भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं...
आख़िरी बार ख़यालों में बुला ले तुम को
आख़िरी बार कलेजे से लगा ले तुम को
और फिर अपने तड़पने...
और फिर अपने तड़पने का नज़ारा कर ले
तुम जो कह दो तो सितम ये भी गवारा कर ले
लोग कहते हैं कि हम तुम से किनारा कर ले
Writer(s): Sahir Ludhianvi, Roshan, Ludiavani Sahir Lyrics powered by www.musixmatch.com