Lakhon Hain Nigahon Mein - "Phir Wohi Dil Laya Hoon" Songtext
von Mohammed Rafi
Lakhon Hain Nigahon Mein - "Phir Wohi Dil Laya Hoon" Songtext
हाय, लाखों हैं निगाहों में, ज़िंदगी की राहों में
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ, हो
लाखों हैं निगाहों में, ज़िंदगी की राहों में
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ
लट है किसी की जादू का जाल
रंग डाले दिल पे किसी का जमाल
लट है किसी की जादू का जाल
रंग डाले दिल पे किसी का जमाल
तौबा, ये निगाहें कि रोकती हैं राहें
तौबा, ये निगाहें कि रोकती हैं राहें
देखो ले-ले के तीर-कमाँ, हाय
लाखों हैं निगाहों में, ज़िंदगी की राहों में
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ
जानूँ ना दीवाना मैं दिल का
कौन है ख़यालों की मलिका
जानूँ ना दीवाना मैं दिल का
कौन है ख़यालों की मलिका
भीगी-भीगी रुत की छाँव तले
मान लो कहीं वो आन मिले
भीगी-भीगी रुत की छाँव तले
मान लो कहीं वो आन मिले
कैसे पहचानूँ कि नाम नहीं जानूँ
कैसे पहचानूँ कि नाम नहीं जानूँ
किसे ढूँढें मेरे अरमाँ? हो
लाखों हैं निगाहों में, ज़िंदगी की राहों में
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ
कभी-कभी वो इक माहजबीं
डोलती है दिल के पास कहीं
कभी-कभी वो इक माहजबीं
डोलती है दिल के पास कहीं
हैं जो ये ही बातें तो होंगी मुलाक़ातें
हैं जो ये ही बातें तो होंगी मुलाक़ातें
कभी यहाँ नहीं तो वहाँ, हाय
लाखों हैं निगाहों में, ज़िंदगी की राहों में
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ, होए
लेकिन वो बात कहाँ
लेकिन वो बात कहाँ, होए
लेकिन वो बात कहाँ
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ, हो
लाखों हैं निगाहों में, ज़िंदगी की राहों में
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ
लट है किसी की जादू का जाल
रंग डाले दिल पे किसी का जमाल
लट है किसी की जादू का जाल
रंग डाले दिल पे किसी का जमाल
तौबा, ये निगाहें कि रोकती हैं राहें
तौबा, ये निगाहें कि रोकती हैं राहें
देखो ले-ले के तीर-कमाँ, हाय
लाखों हैं निगाहों में, ज़िंदगी की राहों में
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ
जानूँ ना दीवाना मैं दिल का
कौन है ख़यालों की मलिका
जानूँ ना दीवाना मैं दिल का
कौन है ख़यालों की मलिका
भीगी-भीगी रुत की छाँव तले
मान लो कहीं वो आन मिले
भीगी-भीगी रुत की छाँव तले
मान लो कहीं वो आन मिले
कैसे पहचानूँ कि नाम नहीं जानूँ
कैसे पहचानूँ कि नाम नहीं जानूँ
किसे ढूँढें मेरे अरमाँ? हो
लाखों हैं निगाहों में, ज़िंदगी की राहों में
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ
कभी-कभी वो इक माहजबीं
डोलती है दिल के पास कहीं
कभी-कभी वो इक माहजबीं
डोलती है दिल के पास कहीं
हैं जो ये ही बातें तो होंगी मुलाक़ातें
हैं जो ये ही बातें तो होंगी मुलाक़ातें
कभी यहाँ नहीं तो वहाँ, हाय
लाखों हैं निगाहों में, ज़िंदगी की राहों में
सनम, हसीन-जवाँ
होंठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ, होए
लेकिन वो बात कहाँ
लेकिन वो बात कहाँ, होए
लेकिन वो बात कहाँ
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Majrooh Sultanpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com