Koi Sagar Dil Ko Bahlata Nahin (Dil Diya Dard Liya) Songtext
von Mohammed Rafi
Koi Sagar Dil Ko Bahlata Nahin (Dil Diya Dard Liya) Songtext
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
बेख़ुदी में भी क़रार आता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
मैं कोई पत्थर नहीं, इंसान हूँ
मैं कोई पत्थर नहीं, इंसान हूँ
कैसे कह दूँ ग़म से घबराता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
बेख़ुदी में भी क़रार आता नहीं
कल तो सब थे कारवाँ के साथ-साथ
कल तो सब थे कारवाँ के साथ-साथ
आज कोई राह दिखलाता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
बेख़ुदी में भी क़रार आता नहीं
ज़िंदगी के आईने को तोड़ दो
ज़िंदगी के आईने को तोड़ दो
इस में अब कुछ भी नज़र आता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
बेख़ुदी में भी क़रार आता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
बेख़ुदी में भी क़रार आता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
मैं कोई पत्थर नहीं, इंसान हूँ
मैं कोई पत्थर नहीं, इंसान हूँ
कैसे कह दूँ ग़म से घबराता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
बेख़ुदी में भी क़रार आता नहीं
कल तो सब थे कारवाँ के साथ-साथ
कल तो सब थे कारवाँ के साथ-साथ
आज कोई राह दिखलाता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
बेख़ुदी में भी क़रार आता नहीं
ज़िंदगी के आईने को तोड़ दो
ज़िंदगी के आईने को तोड़ दो
इस में अब कुछ भी नज़र आता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
बेख़ुदी में भी क़रार आता नहीं
कोई सागर दिल को बहलाता नहीं
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad Lyrics powered by www.musixmatch.com