Jiska Mile Padosi Achha Songtext
von Mohammed Rafi
Jiska Mile Padosi Achha Songtext
विश्व एक, हम एक हैं, एक जाती, कुल एक
देश-देश, घर-घर, नगर, बनो पड़ोसी नेक
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे हो ठेले वाला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे हो ठेले वाला
एक समय था जब आपस में मिल-जुल कर हम रहते थे
एक समय था जब आपस में मिल-जुल कर हम रहते थे
देश को अपना देश समझ कर सुख-दुख मिलकर सहते थे
आज नहीं है कोई किसी का दर्द समझने वाला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे हो ठेले वाला, हाँ
बाँट दिया है इंसानों को मज़हब की दीवारों ने
बाँट दिया है इंसानों को मज़हब की दीवारों ने
मंदिर, मस्जिद, मठ, गुरुद्वारे, गिरजों की मिनारों ने
प्यार से रहकर अब तो कर दे नफ़रत का मुँह काला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे वो ठेले वाला, हाँ
हिलमिल कर हम रह ना सकें तो लड़कर क्या रह पाएँगे
हिलमिल कर हम रह ना सकें तो लड़कर क्या रह पाएँगे
शांति-दूत Nehru के सपने सच कैसे हो पाएँगे
एक रहे वो सब देशों में अपना देश निराला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे वो ठेले वाला
घर से घर, बस्ती से बस्ती, शहर-शहर से मिला हुआ
सीमाएँ हैं लेकिन फिर भी देश-देश से जुड़ा हुआ
इक-दूजे का सदा पड़ोसी होता है रखवाला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे वो ठेले वाला
बड़ा वही है इस दुनिया में जिसको प्यार मिला है
प्यार बाँटने को ही हर-दम जिसका द्वार ख़ुला है
पैसे का अभिमान बुरा है, बुरा ना पैसे वाला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे वो ठेले वाला
देश-देश, घर-घर, नगर, बनो पड़ोसी नेक
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे हो ठेले वाला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे हो ठेले वाला
एक समय था जब आपस में मिल-जुल कर हम रहते थे
एक समय था जब आपस में मिल-जुल कर हम रहते थे
देश को अपना देश समझ कर सुख-दुख मिलकर सहते थे
आज नहीं है कोई किसी का दर्द समझने वाला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे हो ठेले वाला, हाँ
बाँट दिया है इंसानों को मज़हब की दीवारों ने
बाँट दिया है इंसानों को मज़हब की दीवारों ने
मंदिर, मस्जिद, मठ, गुरुद्वारे, गिरजों की मिनारों ने
प्यार से रहकर अब तो कर दे नफ़रत का मुँह काला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे वो ठेले वाला, हाँ
हिलमिल कर हम रह ना सकें तो लड़कर क्या रह पाएँगे
हिलमिल कर हम रह ना सकें तो लड़कर क्या रह पाएँगे
शांति-दूत Nehru के सपने सच कैसे हो पाएँगे
एक रहे वो सब देशों में अपना देश निराला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे वो ठेले वाला
घर से घर, बस्ती से बस्ती, शहर-शहर से मिला हुआ
सीमाएँ हैं लेकिन फिर भी देश-देश से जुड़ा हुआ
इक-दूजे का सदा पड़ोसी होता है रखवाला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे वो ठेले वाला
बड़ा वही है इस दुनिया में जिसको प्यार मिला है
प्यार बाँटने को ही हर-दम जिसका द्वार ख़ुला है
पैसे का अभिमान बुरा है, बुरा ना पैसे वाला
जिसको मिले पड़ोसी अच्छा वो है क़िस्मत वाला
चाहे वो motor वाला, हो, भैया, चाहे वो ठेले वाला
Writer(s): Ravi, Pravasi Lyrics powered by www.musixmatch.com