Hui Sham Unka Khayal Aa Gaya Songtext
von Mohammed Rafi
Hui Sham Unka Khayal Aa Gaya Songtext
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
अभी तक तो होठों पे था
तबस्सुम का १ सिलसिला
बहोत शादमाँ थे हम उनको भुला कर
अचानक ये क्या हो गया?
के चेहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया
के चेहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हमें तो यही था गुरूर
ग़म-ए-यार है हमसे दूर
वही ग़म जिसे हमने किस किस जतन से
निकाला था इस दिल से दूर
वो चलकर क़यामत की चाल आ गया
वो चलकर क़यामत की चाल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
अभी तक तो होठों पे था
तबस्सुम का १ सिलसिला
बहोत शादमाँ थे हम उनको भुला कर
अचानक ये क्या हो गया?
के चेहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया
के चेहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हमें तो यही था गुरूर
ग़म-ए-यार है हमसे दूर
वही ग़म जिसे हमने किस किस जतन से
निकाला था इस दिल से दूर
वो चलकर क़यामत की चाल आ गया
वो चलकर क़यामत की चाल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
हुई शाम उन का ख़याल आ गया
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com