Haseeno Ki Ankhon Ka Songtext
von Mohammed Rafi
Haseeno Ki Ankhon Ka Songtext
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
ना आटा पिसाना, ना चूल्हा जलाना
नित नई थाली में नया-नया खाना, हा-हा
ना आटा पिसाना, ना चूल्हा जलाना
नित नई थाली में नया-नया खाना
कई होटलों का गुज़ारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
London में सोऊँ तो Paris में जागूँ
मर्ज़ी से उठूँ तो मर्ज़ी से भागूँ
London में सोऊँ तो Paris में जागूँ
मर्ज़ी से उठूँ तो मर्ज़ी से भागूँ
किसी एक जगह ना दोबारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
गुज़रूँ जिधर से, देखें कँवारियाँ
रह जाएँ हाथों को मलती बेचारियाँ, why?
गुज़रूँ जिधर से, देखें कँवारियाँ
रह जाएँ हाथों को मलती बेचारियाँ
फँसा तो किसी का ना प्यारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
ना आटा पिसाना, ना चूल्हा जलाना
नित नई थाली में नया-नया खाना, हा-हा
ना आटा पिसाना, ना चूल्हा जलाना
नित नई थाली में नया-नया खाना
कई होटलों का गुज़ारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
London में सोऊँ तो Paris में जागूँ
मर्ज़ी से उठूँ तो मर्ज़ी से भागूँ
London में सोऊँ तो Paris में जागूँ
मर्ज़ी से उठूँ तो मर्ज़ी से भागूँ
किसी एक जगह ना दोबारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
गुज़रूँ जिधर से, देखें कँवारियाँ
रह जाएँ हाथों को मलती बेचारियाँ, why?
गुज़रूँ जिधर से, देखें कँवारियाँ
रह जाएँ हाथों को मलती बेचारियाँ
फँसा तो किसी का ना प्यारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
कँवारा रहा हूँ, कँवारा रहूँगा
हसीनों की आँखों का तारा रहूँगा
Writer(s): Rajinder Krishan, Chitragupta Lyrics powered by www.musixmatch.com