Gham Uthane Ko Songtext
von Mohammed Rafi
Gham Uthane Ko Songtext
फ़लक पे जितने सितारे हैं वो भी शरमाएँ
ओ, देने वाले, मुझे इतनी ज़िंदगी दे-दे
यही सज़ा है मेरी, मौत ही ना आए मुझे
किसी को चैन मिले, मुझ को बेकली दे-दे
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
साँस की लय पे तेरा नाम लिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
हाय, तूने मुझे उल्फ़त के सिवा कुछ ना दिया
और मैंने तुझे नफ़रत के सिवा कुछ ना दिया
हाय, तूने मुझे उलफ़त के सिवा कुछ ना दिया
और मैंने तुझे नफ़रत के सिवा कुछ ना दिया
तुझ से शर्मिंदा हूँ, ऐ मेरी वफ़ा की देवी
तेरा मुजरिम हूँ, मुसीबत के सिवा कुछ ना दिया
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
साँस की लय पे तेरा नाम लिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
तू ख़यालों में मेरे अब भी चली आती है
अपनी पलकों पे उन अश्कों का जनाज़ा लेकर
तू ख़यालों में मेरे अब भी चली आती है
अपनी पलकों पे उन अश्कों का जनाज़ा लेकर
तूने नींदें करी क़ुर्बान मेरी राहों में
मैं नशे में रहा ग़ैरों का सहारा लेकर
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
साँस की लय पे तेरा नाम लिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
ओ, देने वाले, मुझे इतनी ज़िंदगी दे-दे
यही सज़ा है मेरी, मौत ही ना आए मुझे
किसी को चैन मिले, मुझ को बेकली दे-दे
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
साँस की लय पे तेरा नाम लिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
हाय, तूने मुझे उल्फ़त के सिवा कुछ ना दिया
और मैंने तुझे नफ़रत के सिवा कुछ ना दिया
हाय, तूने मुझे उलफ़त के सिवा कुछ ना दिया
और मैंने तुझे नफ़रत के सिवा कुछ ना दिया
तुझ से शर्मिंदा हूँ, ऐ मेरी वफ़ा की देवी
तेरा मुजरिम हूँ, मुसीबत के सिवा कुछ ना दिया
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
साँस की लय पे तेरा नाम लिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
तू ख़यालों में मेरे अब भी चली आती है
अपनी पलकों पे उन अश्कों का जनाज़ा लेकर
तू ख़यालों में मेरे अब भी चली आती है
अपनी पलकों पे उन अश्कों का जनाज़ा लेकर
तूने नींदें करी क़ुर्बान मेरी राहों में
मैं नशे में रहा ग़ैरों का सहारा लेकर
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
साँस की लय पे तेरा नाम लिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
ग़म उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat Lyrics powered by www.musixmatch.com