Dil Ki Awaaz Bhi Sun Songtext
von Mohammed Rafi
Dil Ki Awaaz Bhi Sun Songtext
दिल की आवाज़ भी सुन, मेरे फ़साने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन, मेरे फ़साने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन
... अन्तराल...
इक नज़र देख ले
इक नज़र देख ले, जीने की इजाज़त दे दे
रूठने वाले वो पहली सी मुहब्बत दे दे
इक नज़र देख ले, जीने की इजाज़त दे दे
रूठने वाले वो पहली सी मुहब्बत दे दे
इश्क़ मासूम है...
इश्क मासूम है, इलज़ाम लगाने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन
... अन्तराल...
वक़्त इनसान पे...
वक़्त इनसान पे ऐसा भी कभी आता है
राह में छोड़ के साया भी चला जाता है
वक़्त इनसान पे ऐसा भी कभी आता है
राह में छोड़ के साया भी चला जाता है
दिन भी निकलेगा कभी...
दिन भी निकलेगा कभी, रात के आने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन
... अन्तराल...
मैं हक़ीक़त हूँ...
मैं हक़ीक़त हूँ ये इक रोज़ दिखाऊँगा तुझे
बेगुनाही पे मुहब्बत की रुलाऊँगा तुझे
मैं हक़ीक़त हूँ ये इक रोज़ दिखाऊँगा तुझे
बेगुनाही पे मुहब्बत की रुलाऊँगा तुझे
दाग दिल के नहीं...
दाग दिल के नहीं मिटते हैं, मिटाने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन, मेरे फ़साने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन
... समाप्त ...
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन, मेरे फ़साने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन
... अन्तराल...
इक नज़र देख ले
इक नज़र देख ले, जीने की इजाज़त दे दे
रूठने वाले वो पहली सी मुहब्बत दे दे
इक नज़र देख ले, जीने की इजाज़त दे दे
रूठने वाले वो पहली सी मुहब्बत दे दे
इश्क़ मासूम है...
इश्क मासूम है, इलज़ाम लगाने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन
... अन्तराल...
वक़्त इनसान पे...
वक़्त इनसान पे ऐसा भी कभी आता है
राह में छोड़ के साया भी चला जाता है
वक़्त इनसान पे ऐसा भी कभी आता है
राह में छोड़ के साया भी चला जाता है
दिन भी निकलेगा कभी...
दिन भी निकलेगा कभी, रात के आने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन
... अन्तराल...
मैं हक़ीक़त हूँ...
मैं हक़ीक़त हूँ ये इक रोज़ दिखाऊँगा तुझे
बेगुनाही पे मुहब्बत की रुलाऊँगा तुझे
मैं हक़ीक़त हूँ ये इक रोज़ दिखाऊँगा तुझे
बेगुनाही पे मुहब्बत की रुलाऊँगा तुझे
दाग दिल के नहीं...
दाग दिल के नहीं मिटते हैं, मिटाने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन, मेरे फ़साने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख, ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन
... समाप्त ...
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Shewan Rizvi Lyrics powered by www.musixmatch.com