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Bahare Husn Teri Songtext
von Mohammed Rafi

Bahare Husn Teri Songtext

बहार-ए-हुस्न तेरी, मौसम-ए-शबाब तेरा
कहाँ से ढूँढ के लाए कोई जवाब तेरा?
ये सुबह भी तेरे रुख़्सार की झलक ही तो है
कि नाम लेके निकलता है आफ़ताब तेरा

जहाँ तू है वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा?
तेरा दर हो तो जन्नत की गली को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है...


कली को हाथ में लेकर बहारों को ना शरमाना
कली को हाथ में लेकर बहारों को ना शरमाना
ज़माना तुझको देखेगा, कली को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है...

फ़रिश्तों को पता देना ना अपनी रहगुज़ारों का
फ़रिश्तों को पता देना ना अपनी रहगुज़ारों का
वो काफ़िर हो गए तो बंदगी को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है...

किसी को मुस्कुराके ख़ूबसूरत मौत ना देना
किसी को मुस्कुराके ख़ूबसूरत मौत ना देना
क़सम है ज़िंदगी की, ज़िंदगी को कौन पूछेगा?

जहाँ तू है वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा?
तेरा दर हो तो जन्नत की गली को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा?
जहाँ तू है...

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