Ab Tumhare Hawale Watan Sathiyon (Haqeeqat) Songtext
von Mohammed Rafi
Ab Tumhare Hawale Watan Sathiyon (Haqeeqat) Songtext
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते क़दम को ना रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने ना झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
राह क़ुर्बानियों की ना वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए क़ाफ़िले
फ़तेह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से क़फ़न साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
खेंच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लक़ीर
इस तरफ़ आने पाए ना रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाए ना सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते क़दम को ना रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने ना झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
राह क़ुर्बानियों की ना वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए क़ाफ़िले
फ़तेह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से क़फ़न साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
खेंच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लक़ीर
इस तरफ़ आने पाए ना रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाए ना सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा
जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
Writer(s): Madan Mohan, Kaifi Azmi Lyrics powered by www.musixmatch.com