Aag Hai Lagi Hui Songtext
von Mohammed Rafi
Aag Hai Lagi Hui Songtext
आग है लगी हुई...
आग है लगी हुई हर तरफ़ यहाँ-वहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई हर तरफ़ यहाँ-वहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई...
दिल क्या है, haha!
काँच का खिलौना है
स्वप्न एक सलोना है
दिल बड़ा नाज़ुक है ये, टूट ना जाए कहीं
खेलते हैं दिल से जो ये ख़बर उनको नहीं
दिल बड़ा नाज़ुक है ये, टूट ना जाए कहीं
खेलते हैं दिल से जो ये ख़बर उनको नहीं
दिल गया तो क्या रहा, दिल के साथ है जहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई...
चीज़ क्या है प्यार ये
एक दवा है यार ये
ये दवा कभी-कभी ग़म का जाम बन गई
ज़िंदगी की हर सुबह एक शाम बन गई
रोशनी चली गई...
रोशनी चली गई, रह गया धुआँ-धुआँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
डोर टूट जाती है
जोड़े गाँठ आती है
शादी और ब्याह है रिश्ता ऐतबार का
सात जनम के वास्ते एक वादा प्यार का
शादी और ब्याह है रिश्ता ऐतबार का
सात जनम के वास्ते एक वादा प्यार का
एक पल में हो गए, hahahaha!
एक पल में हो गए फिर भी लोग बद-गुमाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई हर तरफ़ यहाँ-वहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई हर तरफ़ यहाँ-वहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई हर तरफ़ यहाँ-वहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई हर तरफ़ यहाँ-वहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई...
दिल क्या है, haha!
काँच का खिलौना है
स्वप्न एक सलोना है
दिल बड़ा नाज़ुक है ये, टूट ना जाए कहीं
खेलते हैं दिल से जो ये ख़बर उनको नहीं
दिल बड़ा नाज़ुक है ये, टूट ना जाए कहीं
खेलते हैं दिल से जो ये ख़बर उनको नहीं
दिल गया तो क्या रहा, दिल के साथ है जहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई...
चीज़ क्या है प्यार ये
एक दवा है यार ये
ये दवा कभी-कभी ग़म का जाम बन गई
ज़िंदगी की हर सुबह एक शाम बन गई
रोशनी चली गई...
रोशनी चली गई, रह गया धुआँ-धुआँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
डोर टूट जाती है
जोड़े गाँठ आती है
शादी और ब्याह है रिश्ता ऐतबार का
सात जनम के वास्ते एक वादा प्यार का
शादी और ब्याह है रिश्ता ऐतबार का
सात जनम के वास्ते एक वादा प्यार का
एक पल में हो गए, hahahaha!
एक पल में हो गए फिर भी लोग बद-गुमाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई हर तरफ़ यहाँ-वहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
आग है लगी हुई हर तरफ़ यहाँ-वहाँ
जल रही है ये ज़मीं, जल रहा है आसमाँ
Writer(s): Anand Bakshi, Rajesh Roshan Lyrics powered by www.musixmatch.com