Na Jaane Din Kaise (Pt. 1 / From "Chala Murari Hero Ban Ne") Songtext
von Kishore Kumar
Na Jaane Din Kaise (Pt. 1 / From "Chala Murari Hero Ban Ne") Songtext
ना जाने दिन कैसे जीवन में आए हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आए हैं
कि मुझ से तो बिछड़े खुद मेरे साए हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आए हैं
क्या-क्या सोचा था, क्या थी उम्मीदें
जिसके लिए भी मैंने खो दी आँखों की ये नींदें
उसी से दुखों के तोहफ़े ये पाए हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आए हैं
समझा सुख जिसको, छाया थी ग़म की
जैसे कहीं रेत पे चमके कुछ बूँदें शबनम की
ये धोखे नज़र के हमने भी खाए हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आए हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आए हैं
कि मुझ से तो बिछड़े खुद मेरे साए हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आए हैं
क्या-क्या सोचा था, क्या थी उम्मीदें
जिसके लिए भी मैंने खो दी आँखों की ये नींदें
उसी से दुखों के तोहफ़े ये पाए हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आए हैं
समझा सुख जिसको, छाया थी ग़म की
जैसे कहीं रेत पे चमके कुछ बूँदें शबनम की
ये धोखे नज़र के हमने भी खाए हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आए हैं
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com